संसद में वेंकैया नायडू ने कराया मॉक ड्रिल, सांसदों की जगह बैठे राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारी और अधिकारी।
नई दिल्ली। 14 सितंबर से संसद का सत्र शुरू होना लगभग तय है। कोरोना काल में आहूत इस सत्र की तस्वीर वैसी नजर नहीं आएगी जैसी हम आजतक देखते आए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सदन की कार्यवाही चलाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को राज्यसभा में एक मॉक संसद सत्र का आयोजन किया गया।
मॉक ड्रिल में हुआ सोशल डिस्टेंशिंग के नियमों का पाल
मॉक सत्र में राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भी हिस्सा लिया।क़रीब 45 मिनटों तक चले इस मॉक संसद सत्र में राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों और अधिकारियों को संसद सदस्य के तौर पर अलग अलग सीटों पर बिठाया गया।उनको बिठाते समय सोशल डिस्टेंशिंग के नियमों का पालन किया गया। सांसद में इन कर्मचारियों को राज्यसभा, राज्यसभा की चार गैलरी और लोक सभा में बिठाया गया। संसद सत्र के दौरान राज्य सभा के सदस्यों के लिए इन्हीं तीन जगहों पर बैठने का इंतज़ाम किया गया है।
सांसदों को छह जगहों पर बिठाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक़, मॉक ड्रिल से वेंकैया नायडू संतुष्ट नज़र आए।रोचक बात ये है कि नायडू को सत्र के दौरान एक साथ छह जगहों पर नज़र रखनी पड़ेगी, क्योंकि सांसदों को छह जगहों पर बिठाया जाएगा।चूंकि राज्यसभा के सदस्य लोकसभा में भी बैठेंगे इसलिए दोनों सदनों के बीच निर्बाध संवाद और संचार बनाए रखने के लिए एक हॉटलाइन भी लगाई गई है।इसके लिए दोनों सदनों के बीच क़रीब आधी किलोमीटर लम्बी ऑप्टिकल फाइबर भी बिछाई गई है।
मॉक ड्रिल के दौरान नायडू ने सत्र में अपनाए जाने वाली संसदीय परंपराओं का निरीक्षण किया।इनमें सदस्यों की ओर से मुद्दे उठाए जाने का तरीका और किसी बिल या प्रस्ताव पर ध्वनिमत या मत विभाजन की प्रक्रिया शामिल हैं।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी किया तैयारियों का मुआयना वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी लोकसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाई जा रही तैयारियों का मुआयना किया।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंशिंग के नियमों का पालन करे की पुख़्ता व्यवस्था की जाए. इसी सिलसिले में आज लोकसभा अध्यक्ष स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भी एक बैठक करेंगे।
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