बीजिंग/ इस्लामाबाद। वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) अभियान से पाकिस्तान को जोड़ने और उसे कर्ज से लाद देने के बाद चीन अब उसके प्रशासनिक ढांचे पर कब्जा करने की राह पर है। इसके संविधान के दायरे में चलने वाली सरकार और चुने हुए जनप्रतिनिधियों को किनारे लगाते हुए बिना जवाबदेही वाली संस्थाएं खड़ी की जा रही हैं और उनमें चीन परस्त अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं। योजना मंत्रालय से इतर सीपीईसीए का गठन, चीन परस्त अधिकारी की नियुक्तिः ऐसी ही एक संस्था चाइना-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर अथॉरिटी (सीपीईसीए) है। योजना मंत्रालय को दरकिनार कर इस अथॉरिटी का गठन किया गया है और इसका मुखिया पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल असीम बाजवा को बनाया गया है।
आर्थिक हालात डांवाडोल के चलते प्रधानमंत्री इमरान ने चीन के सामने टेके घुटनेः योजना मंत्रालय को दरकिनार कर इस अथॉरिटी के गठन का प्रस्ताव चीन की तरफ से नवाज शरीफ सरकार के सामने भी रखा गया था, लेकिन प्रधानमंत्री शरीफ उसके लिए तैयार नहीं हुए। जब पाकिस्तान के आर्थिक हालात डांवाडोल हो गए और मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने घुटने टेकने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा, तभी पाकिस्तान में ओबीओआर के तहत चल रही विकास योजनाओं को समय से पूरा कर लागत कम करने का पासा चीन ने फेंका।
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