शनिवार, 29 अगस्त 2020

फूलगोभी की खेती किसानों के लिए लाभप्रद

नई दिल्ली। फूलगोभी भारत की प्रमुख सब्जी है इसकी खेती पूरे भारतवर्ष में की जाती है। इससे किसान अत्याधिक लाभ उठा सकते है। इसको सब्जी, सूप और आचार के रूप में प्रयोग करते है। इसमे बिटवीन-बी की पर्याप्त मात्रा के साथ-साथ प्रोटीन भी पायी जाती है।


जलवायु:- फूलगोभी के लिए ठंडी और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। यदि दिन  छोटे हों तो फूल की बढ़ोत्तरी अधिक होती है।  अगेती जातियों के लिए  तापमान  की थोड़ी अधिक हो  तथा दिन बड़े।इसकी  खेती जुलाई से शुरू होकर अप्रैल तक होती है।



भूमि का पी.एच. मान 5.5 -7 के मध्य  तथा जल निकास वाली बलुई दोमट मिट्टी तथा पिछेती के लिए दोमट या चिकनी मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है फूलगोभी की खेती विभिन्न प्रकार की भूमियों में की जा सकती है,जिसमे पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद उपलब्ध हो।


खेत की तैयारी:- पहले खेत को पलेवा करें भूमि जुताई योग्य हो जाए तब उसकी जुताई 2 बार मिटटी पलटने वाले हल से करें। इसके बाद दो बार कल्टीवेटर चलाएँ और प्रत्येक जुताई के बाद पाटा अवश्य लगाएं।


उन्नतशील प्रजातियां :- पूसा दिपाली, अर्ली कुवारी, अर्ली पटना, पन्त गोभी- 2, पन्त गोभी- 3, पूसा कार्तिक, पूसा अर्ली सेन्थेटिक, पटना अगेती, सेलेक्सन 327 एवं सेलेक्सन 328 है। पन्त शुभ्रा, इम्प्रूव जापानी, हिसार 114, एस-1, नरेन्द्र गोभी 1, पंजाब जॉइंट ,अर्ली स्नोबाल, पूसा हाइब्रिड 2, पूसा अगहनी, एवं पटना मध्यम।           


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