मंगलवार, 25 अगस्त 2020

पंजीकरण- क्वारंटाइन पर केंद्र से परामर्श

देहरादून। उत्तराखंड में अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के पंजीकरण और क्वारंटाइन की व्यवस्था बहाल रखी जाए या नहीं, इस बारे में राज्य सरकार ने केंद्र से परामर्श लेने का निर्णय किया है। परामर्श मिलने के बाद प्रदेश में प्रतिदिन 2000 लोगों को प्रवेश की अनुमति देने की व्यवस्था बदलने पर विचार होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर सरकार फैसले लेगी। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बीते शनिवार सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर व्यक्तियों और वाहनों की आवाजाही पर किसी भी तरह की पाबंदी लगाने पर आपत्ति जताई थी। साथ ही आवाजाही के लिए राज्य सरकार या जिला प्रशासन से किसी भी तरह की अनुमति या ई-परमिट की जरूरत से इन्कार किया गया था। सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव के पत्र पर सरकार विचार कर रही है। इस बारे में जल्द फैसला लिया जाएगा।  सचिवालय में सोमवार शाम मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की बैठक हुई। इस मौके पर केंद्रीय गृह सचिव के निर्देशों के बारे में चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में राज्य में बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। ऐसे व्यक्तियों को क्वारंटाइन करने के लिए संस्थागत या होम आइसोलेशन की व्यवस्था लागू है। 
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में मौजूदा व्यवस्था केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार लागू की गई। इसमें संशोधन से पहले केंद्र सरकार को पत्र भेजकर बाहर से राज्य में आने वाले व्यक्तियों के बारे में परामर्श मांगा जाएगा। तब तक वर्तमान व्यवस्था लागू रहेगी। बैठक में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी व आपदा प्रबंधन प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन मौजूद रहे।             


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