रविवार, 9 अगस्त 2020

पाक का नया राजनैतिक 'चित्र' पदार्पण

इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार ने पिछले दिनों पाकिस्तान का नया 'राजनीतिक नक़्शा' जारी किया है जिसका अनावरण खुद प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने किया है। राजनीतिक नक़्शे पर भारतीय प्रशासित कश्मीर को पाकिस्तान का क्षेत्र दिखाया गया है और इस पर ये लिखा है कि "इस (समस्या) का हल संयुक्त राष्ट्र की सिक्योरिटी काउंसिल की सिफ़ारिशें की रौशनी" में होना है। इस नक़्शे में गिलगित बल्टिस्तान को भी साफ़ तौर पर पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। एक और क्षेत्र जिसके बंटवारे पर कई दशकों से विवाद चल रहा है वो सर क्रीक है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत और भारत के गुजरात राज्य के बीच बहती ये एक ऐसी खाड़ी है जो अरब सागर में गिरती है। बंटवारे के बाद से ही ये विवाद चला आ रहा है कि इस खाड़ी की कितनी सीमायें किस देश के अंदर हैं। पाकिस्तान का कहना है कि सर क्रीक की खाड़ी पूरी उसकी सीमा के अंदर स्थित है हालांकि भारत इस दावे को नहीं मानता और यही वजह है यहां से दोनों देश एक दूसरे के मछवारों की नांव पकड़ते रहते है।


पाकिस्तान के नए राजनीतिक नक़्शे में इस विवादित क्षेत्र यानी सर क्रीक को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है।पाकिस्तान ने इस नए नक़्शे पर पूर्व रियासतों जूनागढ़ और मनावदर को भी अपना हिस्सा दिखाया है। ये क्षेत्र अब भारत के गुजरात राज्य का हिस्सा हैं और इनकी सीमाएं पाकिस्तान से नहीं मिलती। क्या जूनागढ़ पाकिस्तान का नया क्षेत्र है?
सन 1948 के बाद से ये क्षेत्र भारत के पास है और यहां हिन्दू धर्म का एक पवित्र स्थान 'सोमनाथ का मंदिर' भी स्थित है।पाकिस्तान का कहना है कि जूनागढ़ और मनावदर हमेशा से उसका हिस्सा थे क्योंकि जूनागढ़ के राजा ने भारत के बंटवारे के समय पाकिस्तान के साथ विलय किया था लेकिन भारत ने ताक़त के बूते पर इस रियासत पर अपना क़ब्ज़ा जमा लिया बात करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुईद यूसुफ़ का कहना था कि "जूनागढ़ हमेशा से पाकिस्तान का हिस्सा था और नए नक़्शे पर पाकिस्तान ने इसको अपना हिस्सा दिखाया है, जिसका उद्देश्य अपनी पोजीशन साफ़ करना है। उनका कहना था नए नक़्शे में "पाकिस्तान ने कोई नया क्षेत्र अपने क्षेत्र में शामिल नहीं किया। इस क्षेत्र पर भारत ने गैर क़ानूनी क़ब्ज़ा जमाया था और इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए,क्योंकि ये हमेशा से पाकिस्तान का हिस्सा है। उनका कहना था कि पाकिस्तान पहले भी जूनागढ़ को नक़्शे में दिखाता रहा है हालांकि बाद में किसी वजह से पाकिस्तान के नक़्शे से इसे निकाल दिया गया। इसको दोबारा नक़्शे पर लाये हैं और इसका मक़सद अपने क्षेत्र को लेकर पाकिस्तान की पोजीशन साफ़ करना है।         


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज।‌ उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष अंतर्गत जनपद ...