होशियारपुर। लॉकडाउन ने जिम मालिक को शातिर अपराधी बना दिया। अमीरी के चक्कर में हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें ले डूबेंगे की कहावत को चरितार्थ करते हुए अपने दोस्तों को भी हवालात पहुंचा दिया। न अमीरी नसीब हुई न ही कर्ज उतरा। ऊपर से कानून का शिकंजा अलग से कस उठा। यह कोई फिल्मी कहानी, बल्कि होशियारपुर में जिम चलाकर घर का गुजारा करने वाले अमरिदर सिंह उर्फ सूरज निवासी सेंट्रल टाउन और उसके साथियों के हसीन सपने की दुखद कहानी है।
थाना सिटी के प्रभारी गोविदर कुमार बंटी ने नकली नोट छापने की मंशा के बारे में पूछा तो गिरोह ने चौकाने वाला खुलासा किया। बताया कि दरअसल, अमरिदर सिंह उर्फ सूरज जिम चलाता था। मार्च में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने से लॉकडाउन लग गया। इससे जिम पर भी ताला लग गया। सूरज ने बीस लाख रुपये का कर्ज ले रखा था। किश्तें भी टूटने लगीं। इससे वह परेशान हो उठा। लॉकडाउन में पैसा कमाने की तकरीब ढूंढने लगा। एक दिन उनसे यू-ट्यूब पर सर्च मारना शुरू किया। इसी बीच, उसे नकली नोट छापने की तकरीब हाथ लग गई। बस, उसके लिए लैपटाप, प्रिटर, स्कैनर और रोल की दरकार थी। यह मिलना तो संभव ही था। अब, सूरज के अंदर अमीरी की इच्छा जाग उठी। अपने प्लान को अपने जानकार जगतार सिंह निवासी किला वरून से साझा की। उसे भी तकरीब अच्छी लगी कि इस हथकंडे से रातों-रात लखपति बना जा सकता है। जगतार ने अपने साथ पत्रकारिता करने वाले हरजिदर भारती और गुरसिमरन जीत सिंह को भी मिला लिया।
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