रविवार, 9 अगस्त 2020

हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसओ पर गाज

उधमसिंहनगर/रुद्रपुर। दरसल मामला बीते 28 जुलाई  का है वीडियो में साफ दिख रहा है कि तीन पुलिसकर्मी और एक एसपीओ के साथ केला खेड़ा के पास स्थित  ढाबे में एक  मुखबीर को लेकर पहुंचे थे ।जंहा पुलिस के अनुसार पुलिस ने इस ढाबे से मुखबिर की सूचना पर चरस बरामद की गई थी, यहां तक तो सब ठीक था । असल में जब पुलिस ने इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज किया तो वारदात स्थल को ढाबे से कुछ दूर आगे दिखाया बस यहीं पर मामला बिगड़ गया और फँस गए पुलिस के यह तेजतर्रार दरोगा जी और पुलिसकर्मी उधर बाद में जब पुलिस को एहसास हुआ कि ढाबे में सीसीटीवी लगे हुए हैं, तो दूसरे दिन 2 पुलिसकर्मी वापस मौके पर पहुंचकर ढाबे में मौजूद कर्मचारियों से जबरन सीसीटीवी फुटेज डिलीट करवा दी हालांकि ढाबा  मालिक विपिन शर्मा ने एहतियात बरतते हुए  पहले ही सीसीटीवी फुटेज पेन ड्राइव में सेव कर ली थी। ढाबे के मालिक अनिल शर्मा के अनुसार ढाबे में दाखिल हुए दरोगा और पुलिसकर्मी ने उनके छोटे भाई को ढाबे के बाहर से रात में ग्रिफ्तार कर लिया और बाद में यह दिखा दिया की ढाबे से कुछ  दूर चरस के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया साथ ही अनिल शर्मा का यह भी कहना है कि उनके भाई को जब पुलिसकर्मी  उठा कर ले जा रहे थे। तो पूरी घटना में लगे सीसीटीवी मैं रिकॉर्डिंग हो गयी हाई कोर्ट में पेश किए मामले मैं यह भी बताया है कि उनके भाई को बाद में पुलिसकर्मी ने जेल भेज दिया अभी तक 31 जुलाई को जमानत मिलने के बाद उनका भाई जेल से बाहर आ सका इस पूरे मामले ढाबे के मालिक ने पहले तो जिले के एसएसपी से शिकायत की और जब शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ तो शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट ने आज इस पूरे मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी इस पूरे मामले को देखा जाए तो एसएसपी ने इस मामले में कानून का उल्लंघन करने वाले एक थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर आरोपी चौकी इंचार्ज व तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है मौके पर पुलिसकर्मी एवं एसपीओ नीले रंग की टीशर्ट पहने हुए दिखाई दे रहा है उसके खिलाफ फिलहाल कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई ..? आपको बता दें कि जिले के पूर्व कप्तान द्वारा कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिले में पुलिस द्वारा किए जा रहे कार्यों की मदद के लिए बड़े पैमाने पर जिले में एसपीओ (Special Police officer) तैनात किए गए  गए थे लेकिन सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए वीडियो में साफ जाहिर हो रहा है कि यह  यह पुलिस की कितनी मदद कर रहे हैं ।  बरहाल जिस तरीके से आज हाईकोर्ट ने पूरे मामले को सख्ती से संज्ञान लिया है उससे साफ जाहिर होता है कि कानून का पालन जनता सहित सभी अधिकारी व कर्मचारी  को भी करना है।कानून का उल्लंघन करने पर उन्हें भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है।             


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