सेना में भर्ती होना भाग्य की बात है लेकिन देश के लिए बलिदान देना सौभाग्य की बात है। विष्णु गौड़
रतन सिंह चौहान
पलवल। कारगिल शहीद नायक समुंद्र सिंह हुड्डा की जयंती पर संस्था के आदर्श कॉलोनी स्थित कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बृजेश शर्मा अध्यक्ष अखंड भारत संस्कार सभा मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता एच.जी.एम. विद्यालय के निदेशक ज्ञानचन्द सौरौत ने की तथा संचालन प्रवक्ता विष्णु गौड़ ने किया। इस अवसर पर सतीश गर्ग, रमेश बघेल, मोहित कालडा और धीरज जटवानी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि बृजेश शर्मा ने कहा कि जो व्यक्ति जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित है परंतु देश के लिए बलिदान देने वालों का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो जाता है। कारगिल शहीद नायक समुंद्र सिंह हुड्डा यादगार सेवा समिति के अध्यक्ष रामफल हुड्डा एवं महासचिव दीपचंद सौरौत ने बताया कि एक अगस्त 1969 को शहीद समुंद्र सिंह हुड्डा का जन्म ग्राम सांघी जिला रोहतक में हुआ हुआ। उन्होंने 30 वर्ष की अल्पायु में कारगिल के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया। उन्हें मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा वीरता के लिए सेना मेडल से पुरस्कृत किया गया।संस्था द्वारा उनकी पुण्य स्मृति में विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से मुख्य कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाया। ज्ञानचंद सौरौत ने कहा कि सेना में भर्ती होना भाग्य की बात है लेकिन देश के लिए बलिदान देना सौभाग्य की बात है। आज हम शहीदों के अमित बलिदान के परिणाम स्वरूप ही खुली हवा में सांस ले रहे हैं। प्रत्येक भारतवासी शहीदों का आजीवन ऋणी रहेगा। इस अवसर पर प्रदीप मित्तल, योगेश सौरौत, सुखीराम सौरौत, प्रताप सौरौत, रवि सौरोत, नवीन शर्मा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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