अकाशुं उपाध्याय
नई दिल्ली। मानचित्र को लेकर कुछ महीनों से भारत एवं नेपाल के बीच जारी तल्खी के बीच आज दोनों देशों के बीच ऑफिशियल बातचीत होने जा रही है। इस बातचीत का मुद्दा भारत द्वारा नेपाल में चलाए जा रहे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा है लेकिन माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों देशों के बीच आई खटास कुछ हद तक कम हो सकती है। इस बैठक में नेपाल की तरफ से विदेश मंत्रालय में सचिव शंकर दास बैरागी शामिल होंगे। भारतीय दल की अगुआई नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा करेंगे। फिलहाल यह बातचीत पहले के प्रॉजेक्ट्स पर होगी लेकिन सूत्रों की मानें तो यह सीमा विवाद सुलझाने के लिए बातचीत शुरू होने का रास्ता भी खोलेगी। इससे पहले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। ओली ने प्रधानमंत्री मोदी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य चुने जाने पर भी शुभकामनाएं दी। विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों नेताओं ने एक दूसरे के यहां कोविड 19 महामारी के दुष्प्रभावों को न्यूनतम करने के प्रयासों का समर्थन किया एवं एकजुटता व्यक्त की थी। मोदी ने इस संबंध में नेपाल को भारत की ओर से हरसंभव सहायता जारी रखने की पेशकश की। पंधानमंत्री ने ओली को टेलीफोन करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और भारत एवं नेपाल के बीच साझा सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत संपर्क को याद किया था। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था।
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