राणा ओबराय
हरियाणा में बेटी बचाओ का अभियान चलाने वाली खट्टर सरकार यदि जांच के बाद SP का तबादला करती तो विपक्ष नही कर सकता था जांच की मांग
चंडीगढ़। हरियाणा के राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव और पूर्व एसपी आईपीएस अफसर सुलोचना गजराज में जो टकराव हुआ है इससे शायद आईपीएस लाबी औऱ सरकार दोनों की ही किरकरी हुई है! ऐसा विवाद हरियाणा में कोई पहली बार नहीं हुआ है। राज्यमंत्री ने पत्रकारों के सामने जो भड़ास निकाली औऱ जो वीडियो वायरल हुआ उसके आधार पर महिला अफसर ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया है। उल्लेखनीय है कि महिला आईपीएस अफसर आईएएस निखिल गजराज की पत्नी हैं यानी एक साथ आईपीएस और आईएएस संगठनों को नाराज कर लिया। इससे पहले हरियाणा सरकार से एक महिला आईएएस अफसर नाराज होकर इस्तीफा तक दे गयी थीं। जिसे कृष्ण पाल गुर्जर ने वापस करवाया। जनता के सामने अब यह नया विवाद सामने आ गया। विपक्ष भी हल्ला बोल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और इनेलो विधायक अभय चौटाला कह रहे हैं कि इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। दूसरी ओर पूर्व मंत्री और नारनोल से सम्बंधित प्रो रामविलास शर्मा इस घटना को दुखद बता रहे हैं। लेकिन पक्ष मंत्री का ही ले रहे हैं। बेटी बचाओ का नारा देने वाली खट्टर सरकार ने भी तो बिना जांच करवाएं तुरंत प्रभाव से महिला आईपीएस का ही तबादला किया है? हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज जांच की बात कह रहे हैं। इस घटना से खट्टर सरकार -1 में मंत्री अनिल विज व फतेहाबाद की एसपी संगीता कालिया का विवाद हरियाणा की जनता में ताजा हो गया है। क्योंकि एसपी का तबादला करके मंत्री अनिल विज का मान सम्मान सुरक्षित रखा गया था। हरियाणा की खट्टर सरकार में बिना जांच के न महिला अफसर तब बची और न ही अब बची। दोनों मामलों में महिलाओं की बलि ली गयी। ऐसे मामलों की भारतवर्ष में एक लम्बी लिस्ट है तथा अनेको उदाहरण हैं।
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