अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में कोरोना काल में गधी के दूध की असलियत सामने आई है| लोगों ने जब इसकी कीमत जानी, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई| कीमत जानकर आप यकीन करेंगे कि बाकि मवेशियों के दूध की कीमत कुछ 100 रुपये प्रति लीटर होगी| लेकिन गधी का दूध 7 हज़ार रुपये प्रति लीटर मिल रहा है | बढ़ती हुई मांग के बीच जल्द ही इसकी कीमत 10 हज़ार रुपये प्रति लीटर तक पहुँच सकती है|
बताया जाता है कि हलारी नस्ल की गधी के दूध को दवाइयों का खजाना कहा जाता है| इसके दूध में कैंसर, मोटापा, ऐलर्जी जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है| यह नस्ल गुजरात में पाई जाती है | जानकारों का कहना है कि कई बार गाय या भैंस के दूध से छोटे बच्चों को एलर्जी हो जाती है लेकिन हलारी नस्ल की गधी के दूध से कभी एलर्जी नहीं होती| इसके दूध में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजीन तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित करते हैं|दरअसल कोरोना संक्रमण से बचने के लिए इसे कारगर माना जा रहा है | बताया जाता है कि गधी का दूध इंसानों के लिए न सिर्फ बेहद फायदेमंद होता है बल्कि शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक करने में काफी बड़ी भूमिका निभाता है| इससे कई ब्यूटी प्रोडक्ट भी बनते हैं | कई संक्रमितों ने ठीक होने के बाद गधी के दूध का इस्तेमाल किया | उन्हें चौंकाने वाले रिजल्ट मिले | यही नहीं कई ऐसे भी लोग रहे जो अपने कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण चर्चित रहे |
उन्होंने जब से गधी का दूध पीना शुरू किया | उनकी सेहत में जबरदस्त सुधार देखा गया | इसके चलते बाजार में इस दूध की मांग बढ़ गई | विभिन्न किस्म की गधी का दूध बाजार में 2000 से लेकर 7000 रुपए प्रति लीटर तक में बिकता है| इससे ब्यूटी प्रॉडक्ट्स भी बनाए जाते हैं जो काफी महंगे होते हैं| गधी के दूध से साबुन, लिप बाम, बॉडी लोशन तैयार किए जा रहे हैं| लिहाजा देश में पहली बार गधी के दूध का व्यावसयिक इस्तेमाल शुरू हो रहा है | फ़िलहाल इसके एक लीटर दूध की कीमत होगी 7000 रुपये निर्धारित की गई है | ज्यादा दूध रोजाना उपलब्ध हो सके इसके लिए जल्द ही गधी के दूध की डेयरी भी शुरू होने वाली है | राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार में गधी के दूध की डेयरी शुरू की जा रही है | एनआरसीई हिसार में हलारी नस्ल की गधी के दूध की डेयरी शुरू होने के बाद इसे देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जा सकेगा | एनआरसीई में 10 हलारी नस्ल की गधी सैकड़ों की तादात में रखी गई है | यहाँ इनकी ब्रीडिंग की जा रही है | ब्रांडिंग के बाद डेयरी का काम जल्द शुरू हो जाएगा | गधी के दूध की डेयरी शुरू करने के लिए NRCE हिसार के केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र और करनाल के नेशनल डेयरी रीसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने दिन – रात एक कर दिया है | दरअसल कोरोना संक्रमण से बचने के लिए इसे कारगर माना जा रहा है | बताया जाता है कि गधी का दूध इंसानों के लिए न सिर्फ बेहद फायदेमंद होता है बल्कि शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक करने में काफी बड़ी भूमिका निभाता है| इससे कई ब्यूटी प्रोडक्ट भी बनते हैं | कई संक्रमितों ने ठीक होने के बाद गधी के दूध का इस्तेमाल किया | उन्हें चौंकाने वाले रिजल्ट मिले | यही नहीं कई ऐसे भी लोग रहे जो अपने कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण चर्चित रहे |
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