लखनऊ। मोहनलालगंज निगोहां नोवेल कोरोना वायरस के बढ़ते कदम के कारण राज्य सरकार ने सप्ताह में प्रत्येक शनिवार व रविवार को सम्पूर्ण बन्दी घोषित कर रखा है। वही ग्रमीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से सोमवार को निगोहां थाने पर व्यापरियों की एक बैठक व्यापार मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र दीक्षित के साथ सम्पन्न हुई । व्यापरियों व थाना प्रभारी के बीच यह तय हुआ कि कस्बे में स्थित व्यापरियों का व्यापार भी होता रहे।जिसके लिए दुकानों को खोलने के लिए दिन निश्चित किया गया है। सप्ताह में सोमवार बुधवार व शुक्रवार को कपड़े रेडीमेड जूता सर्राफा बर्तन प्लास्टिक सैलून व धोबी वही अंडे व चाट आटोगेराज सहित साइकिल की दुकानें खुलेंगी। वही मंगलवार गुरुवार को मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर व बुक स्टाल एवं कास्मेटिक व फर्नीचर की दुकानें खुली रहेंगी। इसके अलावा अन्य जरूरत की बिक्री दुकानदार सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए सप्ताह में 5 दिन व्यापार करते रहेंगे।
व्यापारियों ने किया अतिरिक्त बन्दी का विरोध——-
वही काफी व्यापरियों ने इस आतंरिक बन्दी का विरोध किया है। और नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि हफ्ते में महज 2/ 3 दिन दुकाने खोलने की मिली इजाजत से व्यापार कैसे होगा दुकानों में काम करने वाले दैनिक मजदूरों को कैसे रखा जाए दुकानदारों का कहना है। कि जब सूबे के मुखिया ने सप्ताह में शनिवार व रविवार को सम्पूर्ण लॉक डाउन घोषित किया है।जबकि स्पष्ट आदेश है कि सोमवार से शुक्रवार तक दुकाने खुलेंगी। दूसरी ओर निगोहां किसी भी जोन में भी नहीं है तो फिर अतिरिक्त बन्दी क्यो थोपी जा रही है। एक महीने में मात्र 12 दिन दुकाने खोलने से दुकानों का किराया तक नही निकलेगा वही लेबरों को वेतन देने के लाले पड़ जाएंगे ।
सब्जी व्यापरियों की मनमानी दूने पर बेच रहे हैं सब्जियां……
लॉक डाउन समाप्ति के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में साप्ताहिक बाजारे लगने लगी थी जहाँ लोगो को सब्जी व अनाज एवं अन्य जरूरत की सामग्री उचित दरों पर मिलने लगीं थीं। लेकिन अचानक सरकार के दो दिन बन्दी व अलग अलग दिनों में व्यापार करने के निर्णय के बाद किराना व सब्जी दुकानदारों ने मनमाने दाम वसूलने लगें है ।एक ओर कोरोना जैसी महामारी के कारण जीवन अस्तव्यस्त है वही छोटे दुकानदारों के सामने बड़ी चुनौती है वही बढ़ती महंगाई के कारण लोगो का जीना दूभर हो गया है।
काफी लोगो ने बताया कि सब्जी विक्रेताओं पर अंकुश लगना चाहिए क्योंकि साप्ताहिक बाजरो के बन्द होने के बाद ये सब अपनी मनमानी दाम वसूल रहे हैं
शेर खान
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