रायपुर/बिलासपुर। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में तमिलनाडु तंजावूर के वर्ष 2010 के विधि स्नातक के.उत्थमकुमारन की कहानी के अखबारों में प्रकाशन के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन ने उन्हें उपहार स्वरूप 10 हजार रुपए का चेक भेजा है। बता दें कि कोविड-19 के कारण बीते तीन माह से कोर्ट में कामकाज बंद होने से के. उत्थमकुमारन जैसे अन्य वकीलों की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी है। आर्थिक बदहाली के दौर में वे अपने पुरखों के धंधे की ओर लौट गए हैं और बांस की टोकरी बनाकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं।
न्यायालीयन कामकाज के दौर में वे प्रति माह 25 हजार रुपए कमा लेते थे। काम बंद होने से आय का बड़ा जरिया खत्म हो गया है। पुस्तैनी व्यवसाय को उन्होंने थाम लिया है। कोरोना संक्रमण काल में कई राज्यों के हाई कोर्ट के अलावा अधीनस्थ न्यायालयों में कामकाज बंद है। तमिलानाडु भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी एक वकील के. उत्थमकुमारन बांस की टोकरी बनाकर जीवनयापन करने को मजबूर हैं। इसकी जानकारी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन को लगी। उन्होंने वकील के नाम 10 हजार रुपये का चेक उपहार स्वरूप भेजा है।
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