अकाशुं उपाध्याय
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज एयर फोर्स कमांडर्स की कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए हैं। यहां रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में वायु सेना के रोल की खुलकर तारीफ की और कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। अगर भारत-चीन के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो वायुसेना को शार्ट नोटिस पर ही सभी तैयारी कर लेनी है।
गौरतलब है कि मई में भारत और चीन के बीच तनाव की शुरुआत हुई थी। इसके बाद ही भारतीय वायुसेना ने अपने फाइटर जेट्स और अटैकिंग हेलिकॉप्टर जैसे अपाचे की तैनाती एलएसी पर कर दी थी। इसके साथ ही वायुसेना ने जवानों और जरूरी हथियारों को एयर लिफ्ट किया था। वायुसेना के इसी रोल की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तारीफ की। वह एयरफोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने भारतीय वायु सेना की तत्परता और सीमाओं की सुरक्षा के लिए वायुसेना की ओर से उठाए जा रहे कदमों की तारीफ की।रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना के कमांडरों से कहा कि सशस्त्र बलों को शॉर्ट नोटिस पर जवाब देने के लिए तैयार रहने के साथ-साथ लंबे समय में किसी भी हमले को रोकने के लिए सैन्य क्षमताओं को बनाए रखने की जरूरत है। वायुसेना कमांडर कॉन्फ्रेंस में भारत-चीन फेस ऑफ के बीच तैनाती पर ध्यान दिया जाएगा।
लद्दाख सीमा पर चीन के साथ तनाव के समय वायुसेना ने अहम रोल अदा किया है। कॉन्फ्रेंस के दौरान अगले दशक में भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता बढ़ाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा होगी। 29 जुलाई को राफेल फाइटर जेट के आगमन से पहले राफेल की तैनाती पर चर्चा हुई, जिसका उपयोग लद्दाख में परिचालन के लिए किया जा सकता है। पांच राफेल जेट की पहली खेप 29 जुलाई को भारत आ रही है, जिसे अम्बाला वायु सेना स्टेशन पर तैनात किया जाएगा। भारतीय वायु सेना ने कहा कि विमान को 29 जुलाई से अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया जाएगा। दो साल के अंदर 36 राफेल विमान भारत को मिल जाएंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.