सावन की शिवरात्रि का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही व्रत करने और शिवलिंग पर जल चढ़ाने से लाभ मिलता है। हालांकि शिवरात्रि पर कुछ लोग जाने-अंजाने में बड़ी भूल कर बैठते हैं। शिव पुराण में भोलेनाथ की पूजा से संबंधित वर्णन मिलता है। आइए जानते हैं मंदिर में शिव की पूजा करते वक्त हमें कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
1. तुलसी को भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है। इसलिए तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं की जाती है। तुलसी को शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
2. भगवान शिव को जल चढ़ाते वक्त खास बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है। हमेशा याद रखें कि शिवलिंग पर जल तांबे के लोटे से चढ़ाया जाता है, जबकि पीतल के लोटे से दूध चढ़ाया जाता है।
3. तिल या तिल से बनी कोई वस्तु भी भगवान शिव को अर्पित नहीं करनी चाहिए। इसे भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है, इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित करना चाहिए।
4. हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है, इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ता है। अगर ऐसा आप करती हैं तो इससे आपका चंद्रमा कमजोर होने लगता है और चंद्रमा कमजोर होने से आपका मन चंचल हो जाएगा आप किसी एक चीज में मन लगाकर काम नहीं कर पाएंगे।
5. उबले हुए दूध से शिवलिंग का अभिषेक ना करें. शिवलिंग का अभिषेक सदैव ठंडे जल और कच्चे दूध से करना चाहिए।
6. भगवान शिव को नारियल तो चढ़ा सकते हैं लेकिन नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। इससे धन की हानि होती है।
7. केतकी का फूल भी भगवान शिव को कभी भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
8. भगवान शिव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है। टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है, इसलिए यह शिव जी को नहीं चढ़ता।
9. भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु का भक्त था। इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है, शिव की नहीं।
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