कविता गर्ग
तिरुवंतपुरम। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को अधिकारियों ने एयर कार्गो के जरिए पहुंचे सामान में 30 किलोग्राम से अधिक सोना बरामद किया। बताया जा रहा है कि इसके तार यूएई के महावाणिज्य दूतावास से संबंधित एक राजनयिक खेप से जुड़े हुए हैं। वहीं, अब इसमें केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम भी सामने आ रहा है।
यूएई की एक पूर्व वाणिज्य अधिकारी स्वप्ना सुरेश इस मामले की मुख्य आरोपी हैं। फिलहाल वह केरल राज्य सूचना प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीआईएल) के तहत स्पेस पार्क की विपणन संपर्क अधिकारी भी हैं। जैसे ही यह मामला सामने आया, भाजपा राज्य प्रभारी के सुरेंद्रन ने मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और आरोप लगाते हुए कहा कि जैसे ही स्वप्ना सुरेश के इस मामले में आरोपी होने का पता चला, मुख्यमंत्री कार्यालय और आईटी सचिव ने सीमा शुल्क विभाग पर उसे रिहा करने का दबाव बनाया।
सुरेंद्रन ने कहा कि मुख्यमंत्री और आईटी सचिव के कार्यालय के फोन रिकॉर्ड की जांच करके मामले में उसकी संलिप्तता को जाना जा सकता है। इसी बीच, सीमा शुल्क विभाग ने बताया है कि स्वप्ना सुरेश फरार चल रही है, जबकि एक पूर्व वाणिज्य दूतावास पीआर सारथ को भी मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अपराध कबूल करने के बाद उसे सीमा शुल्क कार्यालय कोच्चि ले जाया गया।
संदेह है कि, सारथ को कार्यालय से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन वह स्वप्ना सहित वाणिज्य दूतावास में कुछ अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए हुए था। चूंकि वह जानता था कि राजनयिक सामान की विस्तृत जांच नहीं की जाती है, इसलिए उसने राजनयिक चैनल का उपयोग करके राज्य में बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी की। स्वप्ना वाणिज्य दूतावास में अपने कार्यकाल तक सारथ के साथ सहयोग करती रही थी। हालांकि, उसने कार्यालय छोड़ने के बाद भी तस्करी में अपना सहयोग जारी रखा। उसने कथित तौर पर इस अपराध से बचने के लिए अपने कनेक्शन का भी इस्तेमाल किया है। वहीं, यूएई के वाणिज्य दूतावास ने यह स्पष्ट किया कि तस्करी में उनकी कोई भूमिका नहीं है और उनके कर्मचारी किसी भी तरह के दुर्भावना में शामिल नहीं हैं।
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