दैनिक भास्कर के पत्रकार ने एम्स से कूदकर दे दी जान
आकाश नागर
नई दिल्ली। गत 18 मई को जो पत्रकार कोरोना महामारी के साथ जीने का ढंग बता रहा था और अपने अखबार दैनिक भास्कर में काफी बड़ा आर्टिकल लिख रहा था। वह आज कोरोना महामारी के सामने हिम्मत हार गया। आखिर में वह दिल्ली स्थित एम्स की चौथी बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर लेता है। अभी कुछ दिन पहले की ही बात है जब वह पत्रकार दिल्ली सरकार का सच उजागर कर रहा था कि दिल्ली में कोरोना से जितनी मौत हो रही है, उन सभी मौतों का आंकड़ा सरकार पेश नहीं कर रही है।
बकायदा तथ्य और सबूत के साथ खबर पेश कर अपनी तटस्थ और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाने वाले दिल्ली के पत्रकार तरुण सिसोदिया में आखिर आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया, इसको लेकर हर कोई हतप्रभ है। हालांकि, कहा जा रहा है कि दैनिक भास्कर संस्थान ने उसे पूर्व में नौकरी से बाहर कर दिया था। इसके बाद से ही वह तनाव में रहने लगा था। हालांकि उसके बाद फिर संस्थान ने उसे अपने आप नौकरी पर रखा। लेकिन अपनी नौकरी जाने का भय उसको अंत समय तक सताए रहा। एक तो नौकरी जाने का अंदेशा और दूसरा कोरोना से पीड़ित होना पत्रकार की मौत का कारण बताया जा रहा है।
दैनिक भास्कर के प्रमुख संवाददाता तरुण सिसोदिया ( 37 ) दिल्ली के भजनपुरा में रहते थे। अभी 4 साल पूर्व भी उनकी शादी हुई थी। वह दिल्ली में दैनिक भास्कर की सामाजिक सरोकारों की पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे। गत 27 मई को तरुण सिसोदिया को एम्स में एडमिट कराया गया था।
बताया जा रहा है कि तरुण को कोरोना महामारी की कवरेज करने के काम पर लगाया गया था। जहां पर उसको बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद वह एम्स में अपना इलाज करा रहा था आज दोपहर 2 बजे एम्स की चौथी मंजिल से उसने अचानक खिड़की से कूदकर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि तरुण सिसोदिया को कोरोना बीमारी के पहले एक बीमारी ने भी अपनी चपेट में लिया हुआ था।
तरुण सिसोदिया के बारे में बता दें कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को लेकर ही रिपोर्टिंग की थी। उनकी अंतिम खबर 10 जून की है। जिसमे उन्होंने ख़बर में बताया था कि दिल्ली सरकार कह रही है कि अब तक 982 मौत कोरोना से हुई है, जबकि 1500 से ज्यादा डेडबॉडी का अंतिम संस्कार श्मशान और कब्रिस्तानों में हो चुका है। उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ भी सोशल मीडिया में कुछ ट्वीट्स का समर्थन किया था। कहा जा रहा है कि तरुण दोहरे डिप्रेशन में आ गए थे। उन्हें कोरोना तो हुआ ही, साथ ही दैनिक भास्कर से छंटनी की आशंका सता रही थी। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर प्रबंधन तेजी से अपने कर्मियों की नौकरियों से निकाल रहा है।
बताया जा रहा है कि तरुण सिसोदिया का भी नंबर आने वाला था। इसी आशंका ने उसे बेहद कमजोर कर दिया। वह इन पूरे हालात से बेहद घबरा गए और तनाव व डिप्रेशन की हद पार कर गए। तरुण को हालांकि नौकरी से अभी निकाला नहीं गया था। लेकिन उसे लग रहा था कि शायद निकाल देंगे। इसी टेंशन में शायद उसने सुसाइड के लिए छत से कूदने जैसा कदम उठाया है।साथी पत्रकारों का कहना है कि ‘दैनिक भास्कर’ ने 2 महीने पहले उनका इस्तीफा ले लिया था । लेकिन बाद में उनकी नौकरी बच गई थी। दैनिक भास्कर’ के पत्रकार तरुण सिसोदिया के साथियों की मानें तो वह काफी मिलनसार व्यक्ति थे और सबसे हँस-बोल कर मिला करते थे। इससे पहले वह ‘संडे टाइम्स’ में कार्यकर्त थे। ‘दैनिक भास्कर’ में उन्हें सामान्यतः एमसीडी और एजुकेशन से जुड़ी बीट कवर करनी होती थी। फिलहाल वह दैनिक भास्कर में कोरोना महामारी के की खबरे भी लिख रहे थे। साथ ही वह अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी खबरें पोस्ट करते रहते थे।
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