अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने कोरोना संकट के बीच खर्चों में कटौती के मद्देनजर गोपनीय दस्तावेजों के लिए इस्तेमाल होने वाली डाक संदेशवाहक सेवा को बंद करने का निर्णय किया है।
रेलवे बोर्ड के संयुक्त सचिव बी मजूमदार ने डाक संदेशवाहक सेवा के स्थान पर वीडियो कांफ्रेंस के इस्तेमाल की सलाह दी है। उन्होंने सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को इस संबंध में 24 जुलाई को एक पत्र भी भेजा है। पत्र में स्थापना से संबंधित व्यय पर लागत को कम करने और बचत बढ़ाने के उपाय के रूप में, बोर्ड ने चाहा है कि रेलवे पीएसयू और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के बीच सभी चर्चाएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होनी चाहिए। निजी संदेशवाहक या डाक संदेशवाहक की व्यवस्था को तुरंत रोका जाना चाहिए। पत्र में कहा गया है कि इन तमाम उपायों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे भत्ते, स्टेशनरी, फैक्स आदि के खर्चे में महत्वपूर्ण बचत होगी।
उल्लेखनीय है कि अब तक रेलवे के गोपनीय दस्तावेजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए डाक संदेशवाहक का सहयोग लिया जाता था। इंटरनेट क्रांति के इस डिजिटल युग में अब वीडियो कॉन्फ्रेंस और ईमेल आदि के माध्यम से संवाद बेहद सुगम और तीव्र हो गया है। इससे ना केवल समय की बचत होती है बल्कि अनावश्यक खर्चों में भी कटौती होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने यह कदम उठाया है।
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