अकाशुं उपाध्याय
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ दो महीने से चले आ रहे गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत , सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया तथा वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ताजा हालात की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में जनरल नरवणे ने पेगांग झील के गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग और फिंगर 4 क्षेत्रों में सैनिकों के परस्पर पीछे हटने की प्रक्रिया के पहले चरण के बारे में ब्योरा दिया। सेना प्रमुख ने क्षेत्र में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सेना की तैयारियों के बारे में भी रक्षा मंत्री को जानकारी दी। उन्होंने पूर्वी लद्दाख, अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते संवेदनशील क्षेत्रों में स्थिति के बारे में भी ब्योरा दिया।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया का पहला चरण पूरा होने के साथ ही दोनों पक्षों के बीच अगले सप्ताह कोर कमांडर स्तर की चौथे दौर की वार्ता भी होने वाली है। इस दौरान सैनिकों को पीछे हटाने के अगले चरण के तौर तरीकों तथा अन्य मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है। दोनों सेनाओं के बीच मई के शुरू से ही पूर्वी लद्दाख में विभिन्न क्षेत्रों में गतिरोध बना हुआ है। इसी के चलते दोनों ओर के सैनिकों के बीच गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी जिसमें एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गये थे। चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिक हताहत हुए थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.