नई दिल्ली। हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) को एक नोटिस भेजकर 84.48 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान करने को कहा गया है। 7 जुलाई को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि यह जुर्माना दिल्ली में अपने कार्यालय में “उल्लंघनों” के कारण लगाया गया है। मंत्रालय के नोटिस में यह भी कहा गया है कि समाचार एजेंसी को गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर लिखकर देना होगा कि यह “दुरुपयोग / क्षति शुल्क” के अंतर का भुगतान करेगा यदि सरकार की ओर से 01 अप्रैल 2016 से भूमि दरों को संशोधित किया जाता है और 14 जुलाई 2020 तक “उल्लंघनों” को भी हटा दें।
84,48,23,281 रुपये की मांग करने वाले नोटिस में कहा गया है कि “14 जुलाई 2020 तक अस्थायी रूप से दिल्ली कार्यालय के परिसर में उल्लंघनों को सुधारना होगा और निम्नलिखित शर्तों को इस पत्र के जारी होने की तारीख के 30 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाना चाहिए वरना परिसर में प्रवेश के को प्रतिबंधित कर दिया जायेगा।”
नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि दस्तावेज को निष्पादित करने के लिए आगे की कार्रवाई से पहले पूर्ण भुगतान किया जाना चाहिए और इसे मास्टरप्लान के अनुसार उपयोग नियमों के अधीन होना चाहिए। भूमि और विकास कार्यालय ने चेतावनी दी कि यदि समय अवधि के भीतर संबंधित राशि देने में विफल रहता है तो अतिरिक्त 10 प्रतिशत ब्याज पीटीआई को देना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, यदि समाचार एजेंसी उक्त अवधि के भीतर शर्तों का पालन करने में विफल रहती है, तो रियायत वापस ले ली जाएंगी। दूसरे शब्दों में, उन्हें भुगतान की वास्तविक तारीख तक जुर्माना देना होगा और कार्रवाई के अधीन भी होंगे। पीटीआई के कथित उल्लंघनों के लिए यह कड़ा नोटिस, राष्ट्रीय प्रसारक प्रसार भारती की ओर से पीटीआई की रिपोर्ट पर हुई बहस और इसे ‘एंटी नेशनल’ बताए जाने के बाद आया है।
बता दें कि, पीटीआई द्वारा चीन में भारतीय राजदूत का साक्षात्कार करने के बाद उनके बयान प्रसारित करने पर प्रसार भारती ने समाचार एजेंसी पीटीआई को ‘देशद्रोही’ कहते हुए उनसे सभी संबंध तोड़ने की धमकी दी थी।
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