अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को भी भारी नुकसान पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक की गई लॉकडाउन की घोषणा के बाद ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों की ज़िंदगी यथार्थ रूप में ही थम गई थी और उन्हें इससे उबरने में अभी काफी समय लगेगा। परेशान ट्रांसपोर्टरों की एक बड़ी मांग थी कि उन्हें रोड टैक्स से राहत दी जाए।ट्रांसपोर्टरों की मांग पर विचार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में सभी यात्री वाहनों को दो महीने और यात्री वाहनों को 1 महीने के लिए टैक्स से राहत दी है। परिवहन मंत्रालय के इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दी। सरकार के इस फैसले से करीब चार लाख यात्री वाहनों और डेढ़ लाख माल वाहक वाहन मालिकों को राहत मिलेगी। वहीं, इससे परिवहन विभाग को करीब 240 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान होगा। माल वाहक वाहनों का अप्रैल का और यात्री वाहनों का अप्रैल और मई महीने का टैक्स माफ किया गया है। सरकार ने यह छूट मोटरयान अधिनियम-1997 के तहत दी है। माना गया है कि मालवाहन वाहन केवल एक महीने ही नहीं चले। मई से वे आवश्यक वस्तुओं को लाने- ले जाने के लिए उपयोग में लाए गए। इसी तरह यात्री वाहन अप्रैल और मई दो महीने नहीं चले। एक जून से यात्री वाहन भी संचालित होने लगे थे। इससे पहले प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन की वजह से मार्च और अप्रैल का कर न जमा करने वाले यात्री वाहनों और मालवाहक वाहनों को 5 फीसदी लगने वाली पेनाल्टी में छूट दी थी। इसके लिए 14 जुलाई को अधिसूचना जारी की गई थी कि 30 दिन के अंदर कर जमा करने वालों को यह छूट मिलेगी। परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव आरके सिंह ने बताया कि जिन वाहन संचालकों ने अप्रैल का कर जमा कर दिया है उनका कर आगे के महीनों में समायोजित कर दिया जाएगा।
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