अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। वर्षों से गाज़ियाबाद नगर निगम और विकास प्राधिकरण की उपेक्षा का शिकार रहे राजनगर एक्सटेंशन में रहने वाले हजारों फ्लैट मालिकों के लिए एक अच्छी खबर है। गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण ने राजनगर एक्सटेंशन को नगर निगम के हवाले करने की कवायद शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार प्राधिकरण ने इसके लिए नगर आयुक्त को एक पत्र भेजा है।
हिंडन के करीब बसे राजनगर एक्सटेंशन में 45 से ज्यादा ग्रुप हाउसिंग सोसायटी हैं। जिनमें 35 हजार फ्लैट हैं। करीब 21 हजार फ्लैटों में परिवार रहने लगे। यह कॉलोनी नूरनगर गाँव की भूमि पर बसी है जो पहले से नगर निगम के सिटी ज़ोन का हिस्सा रहा है। इस कॉलोनी को गाज़ियाबाद के कुछ प्रमुख बिल्डरों ने मिलकर बनाया और विकास शुल्क के बदले जीडीए ने यहाँ सड़क, नाले, सीवर और एसटीपी जैसी मूलबूत सुविधाएं विकसित की हैं। जीडीए के अधिकारियों का कहना है की नगर निगम को कॉलोनी हैंडओवर में अभी कम से कम 6 महीनों का समय लग सकता है।
आपको बता दें कि अभी हाल ही में नगर निगम ने राज नगर एक्सटेंशन के निवासियों को हाउस टैक्स के बिल भेजने शुरू कर दिए थे जिसका स्थानीय नागरिक विरोध कर रहे हैं। नगर निगम के अधीन आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि शहर के बाकी इलाकों कि तरह यहाँ की सोसायटियों से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू हो जाएगा। सड़क, नाले और सीवर की व्यवस्था नियमित रहेगी। अभी यहां सोसायटियों का कूड़ा निस्तारण आरडब्ल्यूए और बिल्डर को कराना होता है। बाहरी क्षेत्र की सफाई जीडीए शॉर्ट टर्म टेंडर के जरिए कराता है।
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