मास्को। रूस की जिस यूनिवर्सिटी ने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया था, वह अगस्त तक मरीजों को उपलब्ध कराने की तैयारी में है। स्मॉल-स्केल पर हुए ह्यूमन ट्रायल में यह वैक्सीनों इंसानों के लिए सेफ पाई गई है। मॉस्को की सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने 38 वालंटियर्स पर क्लिनिकल ट्रायल पूरा किया था। साथ ही साथ, रूस की सेना ने भी पैरलल सारे ट्रायल दो महीने में सरकारी गमलेई नैशनल रिसर्च सेंटर में पूरे किए। गमलेई सेंटर के हेड अलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग ने सरकारी न्यूज एजेंसी TASS को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि वैक्सीन 12 से 14 अगस्त के बीच 'सिविल सर्कुलेशन' में आ जाएगी। अलेक्जेंडर के मुताबिक, प्राइवेट कंपनियां सितंबर से वैक्सीन का बड़े पैमाने पर प्रॉडक्शन शुरू कर देंगी।
श्रीराम 'निर्भयपुत्र'
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