अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। पुलिस के व्यवहार को देख कर लग रहा है कि मानो उसे लॉकडाउन में अपनी मनमर्जी करने की पूरी छूट मिल गई है। शुक्रवार रात से जारी प्रदेश व्यापी लॉकडाउन में गाज़ियाबाद के कई स्थानों से पुलिस की ज़्यादतियों की खबरें आ रही हैं।
इंदिरापुरम, वसुंधरा, राज नगर एक्सटेंशन, लोनी, साहिबाबाद और पुराने शहर के अनेक दुकानदार अखबारों के दफ्तरों और अधिकारियों को फोन कर लगातार शिकायतें कर रहे हैं कि मोटर साइकिल और पीआरवी सवार पुलिसकर्मी डंडे के बल पर दूध, ब्रेड और राशन आदि की दुकानें भी बंद करा रहे हैं। बहुत से स्थानों पर ठेले पर सब्जी और फल बेचने वालों ने भी पुलिस के दुर्व्यवहार की शिकायतें की हैं।
प्रशासन की ओर से स्पष्ट हैं आदेश
आपको बता दें कि मुख्य सचिव (शासन) राजेन्द्र कुमार तिवारी द्वारा 9 जुलाई को जारी आदेश के क्रम संख्या 2 में स्पष्ट लिखा है कि “इस अवधि में समस्त आवश्यक सेवाएँ यथा-स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय सेवाएँ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पूर्व की भांति खुले रहेंगे और इन सेवाओं में कार्यरत व्यक्तियों, कोरोना वारियर, स्वच्छता कर्मी व डोर-स्टेप डिलिवरी से जुड़े व्यक्तियों के आने-जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा”।
पुलिस कप्तान के आदेश भी बेअसर
पुलिसकर्मियों की ज़ोर जबरदस्ती को देखते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए गए थे कि वे आवश्यक सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों को परेशान न करें। लेकिन आश्चर्य की बात है कि चौकी स्तर पर तैनात पुलिसकर्मियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।
कैसे करें विरोध, दुकानदारों की है मजबूरी
गलियों में छोटी-छोटी राशन की दुकानें लगाने वाले दुकानदार चाह कर भी गाज़ियाबाद पुलिस की इस जबरदस्ती का विरोध नहीं कर पा रहे हैं। लोनी में ऐसी ही एक परचून की दुकान चलाने वाले दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारी मजबूरी है हमें यहीं पर रहना है। अगर हम बड़े अधिकारियों से इन पुलिसवालों की शिकायत करेंगे तो पता नहीं हमें कल किस आरोप में फंसा कर थाने में बंद कर दें।
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