भानु प्रताप उपाध्याय (सहारनपुर मंडल प्रभारी)
मुजफ्फरनगर। सूबे में लागू किए गए लॉकडाउन का जिले में दूसरे दिन भी व्यापक असर रहा। दूध और दवा की दुकानों को छोड़कर बाकी सब कुछ बंद रहा। गली-मोहल्लों में सब्जी एवं फल बेचने वाले ही नजर आए। इक्का-दुक्का लोग ही सड़कों पर आते-जाते दिखे। जरूरी मेडिकल सेवाएं जारी रहीं।
मुजफ्फरनगर में आज लॉकडाउन के दूसरे दिन भी लोग अपने घरों में कैद रहे। कुछ लोग दूध लेने के लिए डेयरियों तक पहुंचे जबकि दूधिया भी दूध की सप्लाई करने घरों तक आए। इसके अलावा अन्य सभी प्रतिष्ठान सुबह से ही बंद रहे। बाजारों में पूरी तरह सन्नाटा रहा। शिव चौक तथा शहर के अन्य मुख्य चौराहों पर पुलिस ने सुबह से ही चेकिंग शुरू कर दी थी। इस दौरान फैक्टरियों में काम पर जाने वाले तथा दवा एवं अस्पताल आदि जगहों पर जाने वाले लोग ही नजर आए। इक्का-दुक्का दुपहिया एवं चार पहिया वाहन भी आते-जाते दिखे। मेडिकल इमरजेंसी या बेहद जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकले। पुलिस ने विभिन्न चौराहों पर बेरिकेडिंग लगा दी थीं। लोगों की आवाजाही न हो इसके लिए पुलिस सतर्क रही। सुबह दस बजे तक आवागमन ज्यादा नजर आया लेकिन इसके बाद बहुत कम लोग ही सड़कों पर दिखाई दिए। भगत सिंह रोड, रुड़की रोड, मेरठ रोड, स्टेशन रोड, भोपा, जानसठ, सरकुलर रोड समेत रोजाना व्यस्त रहने वाले शहर के सभी स्थानों पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। रोडवेज बसें स्टैंड से बाहर नहीं निकलीं। ट्रेनों से भी इक्का-दुक्का यात्री ही मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर उतरे। दो दिन पहले लॉकडाउन की घोषणा हो जाने के कारण लोगों ने पहले से ही आवागमन नहीं किया। बाहर से आने वाले कुछ लोग सड़कों पर पैदल जाते भी दिखे।
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