भुवनेश्वर। कोरोना वायरस के खिलाफ देश में तैयार हो रही वैक्सीन से जुड़ी एक अच्छी खबर ओडिशा से आ रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और भारत बायोटेक के साझा कार्यक्रम के तैयार किए जा रहे कोवैक्सीन के इंसानों पर क्लीनिकल ट्रायल अब शुरू हो गए हैं। इससे भी अच्छी बात ये है कि अभी तक टीका लगाने के बाद किसी दुष्प्रभाव की खबर नहीं आई है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा चयनित 12 केंद्रों में से एक आयुर्विज्ञान संस्थान और एसयूएम अस्पताल में बहुप्रतीक्षित बीबीवी152 कोविड-19 (BBV152 Covid-19) टीके या कोवैक्सिन का परीक्षण शुरू हो गया है. संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि पहले और दूसरे चरण की प्रक्रिया के लिए इन 12 केंद्रों का चयन किया गया है। परीक्षण प्रक्रिया के प्रधान अनुसंधानकर्ता डॉ. ई वेंकट राव ने बताया कि भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही कोवैक्सिन कुछ चयनित लोगों को लगाई गई जो इस महत्वपूर्ण परीक्षण का हिस्सा बनने के लिये खुद आगे आए थे। उन्होंने कहा कि जिन्हें टीका लगाया गया, उन सभी को निगरानी में रखा गया है और वे सभी ‘बिल्कुल ठीक’ हैं।
राव ने कहा कि टीका लगवाने के लिये आगे आए स्वयंसेवकों को कड़ी जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ा और उन्हें भारत के औषधि महानियंत्रण द्वारा तय प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यह टीके लगाए गए। उन्होंने कहा कि चुने गए स्वयंसेवकों को 14 दिन के अंतराल में दो खुराक दी जाएंगी। अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर राव ने कहा कि परीक्षण के लिए सामने आए लोगों के बीच खासा उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा कि लोगों से मिलने वाली प्रतिक्रिया काफी उत्साहजनक है। अब भी कई लोग परीक्षण का हिस्सा बनने के लिए सामने आ रहे हैं।
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