हर सूर्यास्त के बाद सूर्योदय होता है..!
बिलासपुर। कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक संकट से घिरे अधिवक्ताओं की समस्या किसी से छुपी नहीं है, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी मुख्यनायधीश पी आर रामचंद्रन मेनन एवं जस्टिस पी पी साहू के बेंच में चल रही है, जिसमे याचिका राजेश केशरवानी ने अपने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से फाइल की है जिस पर सुनवाई में 18/06/2020 के अपने एक आदेश में वकीलों के दुर्दशा का जिक्र बहुत ही सवेंदनशीलता से किया था, हाईकोर्ट ने इसे अत्यन्त संवेदनशील बताते हुए एक राष्ट्रीय दैनिक में प्रकाशित समाचार का उल्लेख किया। जिसमें बताया गया था कि बेरोजगारी के कारण अधिवक्ता को आदिवासी इलाकों की टोकनियां बेचकर गुजारा करना पड़ा है। उन्होंने एक न्यूज़ टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपे खबर का हवाला दिया जिसमे अधिवक्ता अपने आर्थिक हालत ख़राब होने से टोकना बनाने का कार्य श्रमिक बनकर कर रहे है।
उस अधिवक्ता के कार्य से प्रदेश के सवेंदलशील मुख्यानाधिपति प्रभावित होकर उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए अधिवक्ता के. उत्तमकुमाराम को पत्र लिखा। पत्र के साथ 10 हजार का चेक जारी करते हुई लिखा है।
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