अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। जिले में लगातार बढ़ती कोविड-19 संक्रमितों की संख्या को ध्यान में रकते हुए जिला प्रशासन ने हिंडन नदी के तट पर बने ‘हज हाउस’ को कोविड-19 अस्पताल में बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस हज हाउस में अब 500 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जा रहा है जहां कोविड 19 के इलाज की सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इसका निरीक्षण करते हुए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के शासन काल में तुष्टीकरण की नीति के अंतर्गत सरकार द्वारा बनाए गए इस हज हाउस पर ₹51 करोड़ की लागत आई थी। 4.3 एकड़ में बने इस हज हाउस में 7 मंज़िले हैं, इस हज हाउस में 47 डॉरमेट्री हॉल और 36 वीआईपी कमरे भी शामिल हैं और इसमें करीब 2000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इस हज हाउस का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था।
हालांकि यहां पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ना होने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा इस हज हाउस को सील भी कर दिया गया था। लेकिन सभी मानकों को पूरा करने के बाद दोबारा से हज यात्रियों के लिए यह खोल दिया गया है।
सभी सुविधाओं से लैस 500 बेड का बनेगा अस्थायी अस्पताल
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि जनपद में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार होते देख अब जिला प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि हिंडन पर स्थित हज हाउस को अब कोविड-19 अस्पताल बनाया जाएगा। हालांकि शुरुआती दौर में भी यहां अस्थाई अस्पताल बनाए जाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन किसी कारणवश इसे रोक दिया गया था। लेकिन अब जिस तरह से एका-एक कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए दोबारा से जिला प्रशासन द्वारा यहां 500 बेड का कोविड-19 ताल बनाया जा रहा है। इसकी अनुमति भी शासन से मिल गई है, और यह कोविड-19 अस्पताल सभी सुविधाओं से लैस होगा। उधर नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा भी यहां साफ सफाई का विशेष ध्यान रखे जाने की योजना बनाई गई है।
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