बुधवार, 8 जुलाई 2020

एम्स में मृत महिलाओं के शव बदले


कविता गर्ग


नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। एम्स ट्रामा सेंटर में कोरोना संक्रमित 2 महिलाओं की मौत के बाद उनके डेड बॉडी को लापरवाही के चलते अलग- अलग परिवारों को दे दिया गया। एक महिला मुस्लिम समुदाय की थी और उसके शव को हिंदू समुदाय के परिजनों को दे दिया गया। वहीं, हिंदू परिवार ने मुस्लिम महिला के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। इतनी बड़ी लापरवाही की शिकायत मृतक महिला के परिवार की तरफ से दिल्ली पुलिस में की गई है। वहीं, एम्स प्रशासन इस गलती को मानते हुए अपने सिस्टम को सुधारने की बात कर रहा है।




जानकारी के मुताबिक, मृत मुस्लिम महिला का नाम अंजुमन है। वह महिला बरेली की रहने वाली थी। 4 जुलाई को अंजुमन को उसके परिजनों ने एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि अंजुमन कोरोना से संक्रमित है। इसके बाद इलाज के दौरान 6 जुलाई को रात 11:00 बजे उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन की तरफ से परिजनों को इस बात की सूचना देर रात 2:00 दी गई। मौत की खबर सुनने के बाद परिवार में मातम पसर गया।


कब्रिस्तान में शव को दफनाने की तैयारी कर रहे थे


परिवार दिल्ली के एक कब्रिस्तान में शव को दफनाने की तैयारी कर रहे थे। एम्स ट्रामा सेंटर से जब डेड बॉडी पहुंची और परिजनों ने जब चेहरा देखा तो उन्हें पता लगा कि शव को बदल कर दूसरी महिला की लाश दे दी गई है। परिजनों ने अब अस्पताल प्रशासन से इस बात की जानकारी दी है। अस्पताल प्रशासन द्वारा जांच में यह पता लगा कि मुस्लिम परिवार की अंजुमन के शव को किसी हिंदू परिवार को लापरवाही के तहत दे दिया गया है। खास बात यह है कि हिंदू परिवार उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था।


अंजुमन के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है


मतका के भाई शरीफ खान का कहना है कि अंजुमन के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। 6 महीने पहले महिला के सोहर का भी इंतकाल हो गया है। तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। अस्पताल की इस लापरवाही के बाद इन मासूम बच्चों को अपनी अम्मी का आखरी वक्त पर चेहरा भी देखने को नसीब नहीं हुआ। इन मासूम के आंखों में जो गम के आंसू है इसके लिए सरासर एम्स प्रशासन जिम्मेदार है।


एम्स प्रशासन द्वारा पूरी लापरवाही का जिक्र है


इस बड़ी लापरवाही को लेकर पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि जब इस बात को लेकर उन लोगों ने एम्स प्रशासन से बात करनी चाही तो वहां के सुरक्षा गार्ड और बाउंसर द्वारा उन्हें धमकाया गया। ऐसे में परेशान परिवार ने वहीं की पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दी है, जिसमें एम्स प्रशासन द्वारा पूरी लापरवाही का जिक्र है। जब एम्स प्रशासन के लोगों से बात की गई तो उन्होंने इस पर सफाई देना शुरू कर दिया. और इसे महज एक सिस्टम की गलती मानकर इसे सुधारने की बात कही।



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