अलीगढ। कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अंतर्गत जामा मस्जिद सहित किसी भी मस्जिद में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा नहीं की जायेगी। विश्वविद्यालय के नाजिम दीनियात प्रो. मोहम्मद सलीम ने कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना वायरस से पैदा होने वाली स्थिति के दृष्टिगत ईद-उल-अजहा की नमाज एएमयू की किसी भी मस्जिद में अदा नहीं की जाएगी। छात्र, शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मी ईद उल अजहा की नमाज अपने घरों और आवासीय स्थानों पर अदा करें, जिन लोगों के लिए ईद-उल-अजहा की नमाज का कोई प्रबंध नहीं है वह नमाजे चाश्त अदा करें। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब जन स्वास्थ्य को बड़े खतरे का सामना है, लोग इस्लामी सिद्घांतों के अनुरूप वैकल्पिक नमाज अदा कर सकते हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के कारण ईद उल अजहा के अवसर पर कुलपति की ओर से छात्रों एवं यूनिवर्सिटी स्टाफ के लिए आयोजित किया जाने वाला कार्यक्रम इस वर्ष आयोजित नहीं किया जायेगा। कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने एएमयू के सभी शिक्षकों, वर्तमान एवं पूर्व छात्रों तथा देश के सभी नागरिकों को ईद के अवसर पर बधाई देते हुए आग्रह किया है कि वह समाज के कमजोर वर्ग की बढ़ चढ़कर सहायता करें।
उन्होंने कोविड-19 की रोकथाम के लिए जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए भी लोगों से आग्रह किया है। नाजिमे दीनियात प्रो. मोहम्मद सलीम ने कहा कि परिसर में किसी भी स्थान पर खुले में कुर्बानी न करें और ना ही एक स्थान पर एकत्रित हों। कुर्बानी अपने घरों पर करें और कुर्बानी के बाद सफाई का पूरा ख्याल रखें। उन्होंने लोगों से कब्रिस्तान न जाने का भी आग्रह किया।
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