दूध दही चंदन से पूजा कर मनाई नाग पंचमी...
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। हनुमान मंगलमय परिवार के संस्थापक व विश्व ब्राह्मण संघ के प्रवक्ता बीके शर्मा हनुमान ने सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी के रूप में मनाया गया इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। इसलिए यह खास तिथि पर सरपो को दूध पिलाने की भी परंपरा है। नाग पंचमी के दिन वासुकी नाग शेषनाग की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों के द्वार पर नागों की आकृति भी बनाकर पूजा करते हैं। इस बार नाग पंचमी का त्योहार 25 जुलाई शनिवार के दिन मनाया जा रहा है क्योंकि शनिवार के दिन नाग पंचमी की पूजा करने का विशेष योग है। नाग पंचमी की पूजा करते समय नाग के लिए विशेष रूप से जल पुष्प चंदन दूध दही घी शहद चीनी का पंचामृत लड्डू और मालपुए आदि नाग को अर्पण करा कर पूजा अर्चना की गई है। इसके बाद प्रसाद स्वरूप सेवई और चावल बना कर लकड़ी के पटरी पर साफ लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाए कर उस पर नाग देवता की प्रतिमा स्थापित करके मान्यता है कि ऐसा करने से आपके घर की बुरी शक्तियों से रक्षा होती है। आज सपेरे से नाग को खरीद कर उन्हें मुक्त भी कराया गया जीवित सर्प को दूध पिला कर भी नाग देवता को प्रसन्न किया जाता है। आज के दिन नाग नागिन की पूजा से भगवान महादेव और पार्वती का पूजन भी किया गया इसके समस्त बाधाओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई मान्यता है हिंदू पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के पुत्र ऋषि कश्यप की 4 पत्नियां थी मान्यता यह है कि उनकी पहली पत्नी से देवता दूसरी पत्नी से गरुड़ और चौथी पत्नी से देतय लेकिन उनकी जो तीसरी पत्नी कुद्रो थी जिनका ताल्लुक नाग वंश से था उन्होंने नागों को उत्पन्न किया नागदेव गुप्त धन की रक्षा करते हैं। इस कारण से यह माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन में धन समृद्धि का भी आगमन होता है। इस दिन व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो उसे इस दोष से बचने के लिए नाग पंचमी का व्रत करना चाहिए इस अवसर पर परिवार व मोहल्ले वालों ने मिलकर के नाग पंचमी का पूजन किया मुख्य रूप से रीता शर्मा ,बबीता शर्मा, शैलजा शर्मा ,नव्या शर्मा, मिष्टी शर्मा, अयान, वियान शर्मा आदि मौजूद थे।
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