आधिवक्ता मंच ने डॉक्टर कफ़ील पर रासुका लगाने को बताया अन्यायजनक
प्रयागराज। आज मानवतावादी डॉक्टर कफ़ील खान को बिना शर्त रिहा किये जाने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट के सामने बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा के समक्ष अधिवक्ता मंच इलाहाबाद की ओर से प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान डॉक्टर कफ़ील खान से रासुका हटाओ, डॉक्टर खान को बिना शर्त रिहा करो, राजनैतिक बन्दियों को बिना शर्त रिहा करो, उत्तर प्रदेश में कानून का शासन लागू करो, विरोधियों पर लगाये गए फर्जी मुक़दमे वापस लो, डॉक्टर कफ़ील को परेशान करना बन्द करो आदि नारे लगाए गए। इस दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए आधिवक्ता कुंवर नौशाद खान ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जैसा कानून डॉक्टर कफ़ील पर लागू करना इस कानून का दुरुपयोग है। सभा को सम्बोधित करते हुए हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जमील अहमद आज़मी ने कहा कि डॉक्टर कफ़ील खान ने गोरखपुर में बच्चों की जान बचाने के लिए निजी स्तर पर हर संभव प्रयास किया था और बिहार में आये चमकी बुखार के समय खुद जोखिम लेकर गांव गांव घूमकर मानवता की सेवा की थी ऐसे डॉक्टर को देश के लिए खतरा बताना शासन की सनक है। लोकतंत्र में कानून का शासन होता है, न कि व्यक्ति की सनक किन्तु उत्तर प्रदेश में निजी सनक को थोपा जा रहा है। आधिवक्ता सतवेंद्र आज़ाद ने कहा कि डॉक्टर कफ़ील को जेल में रखना अन्यायजनक है। सभा को संबोधित्व करते हुए एम. पी पाल ने कहा कि कानून के शासन की अवधारणा उत्तर प्रदेश में पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।मोहम्मद सरताज़ अहमद सिद्दकी ने सभी राजनैतिक कार्यकर्ताओं को रिहा किये जाने की मांग की। वरिष्ठ आधिवक्ता राम कुमार गौतम ने सभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में रासुका, गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के दुरुपयोग करने और राजनैतिक विरोधियों को फर्जी मुकदमो में फसाने की निंदा की। सभा के बाद प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित ज्ञापन के मेल के माध्यम से भेजा गया जिसमें डॉक्टर कफ़ील से रासुका हटाने और बिना शर्त तुरंत रिहा किये जाने की मांग की गई। सभा का संचालन राजवेन्द्र सिंह ने किया।इस दौरान वरिष्ठ आधिवक्ता के.के.राय, राजीव कुमार, शमशुल इस्लाम, मोहम्मद उस्मान, मो.आकिब, एम.सईद,घनश्याम मौर्य, अनन्त कुमार गुप्त, मो0 सरताज़ अहमद, अहमद बिलाल, रेहान ज़ैदी, आकिब अख्तर खान, शान मोहम्मद, मो0अरीब, विनोद कुमार, सुनील मौर्य, एन. के. यादव, काशान सिद्दीकी, आदि उपस्थित रहे।
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