गाजीपुर। जनपद लखीमपुर-खीरी में तीन ठग अपनी दलाली की दुकान चलाने के लिए एक महिला पत्रकार का मनोबल तोड़ने के लिए अपनी नामर्दी का सुबूत दे रहे हैं। जिसमें एक व्यक्ति अपने नाम के आगे डाक्टर लिखता है। खोजी पत्रकार लिखता है जो डाक्टर के नाम का दुरूपयोग कर घर पर झोला छाप डाक्टरी कर एक दो मरीज भी देख लेता है। दोषी को फौरन सजा दी जाए गिरफ्तार कर जेल तत्काल भेजा जाय। सच में उस दरिन्दा को महिलाओं के व्यक्तिगत जिंदगी में घुसकर उनकी जान जोखिम में डालने के लिए समाज में उन्हें कहीं का ना, रखने के लिए पोस्टर वायरल कराता है। घटिया काम करने वाला अपने नाम के आगे वरिष्ठ पत्रकार लिखता है। नाम है अखलाक अहमद खां,जो न वरिष्ठ है न खोजी हैं न डॉक्टर हैं न ही पत्रकार हैं सूचना विभाग में कोई जानता तक नहीं इनको जो भड़काने में लगे हैं। इनके चेले सियाराम गौड़ जो राइटर लिखते हैं। जिन्हें दूसरो की बहन बेटी की व्यक्तिगत जिंदगी पर गंदी गंदी बातें लिखना अपमानित करना महिलाओं को झुकाना समाज में कहीं का ना रखना इतना गंदा लिखना कि कोई इनकी ओछी मानसिकता से पता लगा सकता है कि ये लोग बहन बेटीयो का सौदा करने वाले हैं इतना गंदा लिखने के बाद इन्हें शर्म नहीं आती है। अपने नाम के आगे राइटर लिखते हैं। उल्टा सीधा लिखना दाम पैदा करना और इनके बारे में अगर कोई सच लिखें तो बौखला जाते है। तीसरे महाश्य हैं। सुनील पांडे वह हर खबर को झूठी पोस्ट वायरल करना, फोन वार्ता पर पत्रकार को अनपढ़ निर्दोष लोगों को फंसाना, आप चाहे तो तीनों फर्जी पत्रकार से पत्रकारिता का सबूत मांगे, अगर नहीं हैं तो सोशल मीडिया पर न्यूज़ ग्रुपों में अपनी व्यक्तिगत भड़ास निकालने के लिए किसी महिला पत्रकार के चरित्र पर उंगली उठा कर ग्रुप में अभद्र चीजे वायरल करना ग्रुप में व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए इस तरह का कुकृत्य करना ग्रुप एडमिनओं को इस ओर ध्यान देना चाहिए। फिर वही कहना पड़ता है अगर यह मर्द होते तो किसी मर्द पर इस तरह से लगातार अपमान करते तो, वह मिनट में इनको गिरा गिरा कर पीट पीटकर कुत्ता बना देता, क्योंकि नारी कमजोर होती है जिसका फायदा उठाकर यह तथाकथित पत्रकार के नाम पर दलाली करने वाले सिर्फ विरोधियों से मिलते हैं इनका बस चले तो यह अपनी बेटी का सौदा करते, दाम के खातिर जबकि इनके विरुद्ध आईटी एक्ट में मुकदमा 0705/2020 धारा 506,67 दिनांक 19.06.2020 दर्ज है। उसके बाद ग्रुप में खबर वायरल करना इनकी हिम्मत की दाद देनी होगी लोग कहते हैं इंसान से लड़ सकते हो नीच से नहीं। इन लोगों ने नीचता की सारी हदें पार कर ली है। जो एक नारी के व्यक्तिगत जीवन पर कटाक्ष कर उसके जीवन को अंधेरे में ढकेले उससे बड़ा कोई गंदा काम नहीं है। लगातार महिला से अभद्रता प्रकरण पर खबरें प्रकाशित हो रही हैं। सरेआम पत्रकार का अपमान होता है। सूत्र बताते है पर सूबे की योगी सरकार व जिला प्रशासन महिला पत्रकार पर हो रहे जुर्म को देख और जानकर अनजान बना हुआ है। जिससे साफ जाहिर होता है कि इन तीनो दलालो के आगे सरकार क्यो बेबस नजर आ रही है। जिससे अखलाक अहमद खां, सियाराम गौड़, सुनील पांडे के हौसले बुलंद है। जब एक महिला पत्रकार इस जिले में भ्रष्टाचार की आवाज़ उठाएं तो उसके स्वर दबाने के लिए यह तीन दलाल लगा दिए जाते हैं। तो अन्य पीड़ितों का क्या होगा जो पत्रकारों के पास न्याय मांगने आते हैं।
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