चित्रकूट। बुंदेलखंड को पर्यटन हब बनाने की सीएम योगी की मंशा के तहत 1.88 करोड़ रुपये से महर्षि वाल्मीकि आश्रम का कायाकल्प करने की आधारशिला रखी गई। संत-महंतों के साथ भूमि पूजन कर लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने पहला फावड़ा चलाया। राज्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए चित्रकूट के सभी धार्मिक स्थलों का विकास किया जाना है। इनमें चित्रकूट का प्रवेश द्वार वाल्मीकि आश्रम लालापुर प्रमुख है। इसके विकास की घोषणा मुख्यमंत्री स्वयं कर गए थे। आज उन्हें कार्य शुरू करने का सौभाग्य मिला है।
पर्यटन अधिकारी शक्ति ङ्क्षसह ने बताया कि आश्रम के विकास कार्यों के लिए वन विभाग कार्यदायी संस्था नामित है। इस मौके वाल्मीकि आश्रम के महंत भरतदास, महंत दिव्य जीवन दास, महंत मोहित दास, महंत रामजन्म दास, महंत महेंद्र दास, जिलाध्यक्ष भाजपा चंद्रप्रकाश खरे, सहकारी बैंक चेयरमैन बद्रीविशाल त्रिपाठी, प्रभागीय वनाधिकारी कैलाश प्रकाश, एसडीओ आरके दीक्षित, पं. चंद्रदत्त पांडेय, विनोद मिश्र, प्रधान श्रलोक मिश्रा रहे।
यह होंगे कार्य
सीढिय़ों का पुनर्निर्माण सीढिय़ों में टीन शेड बनेगी पेयजल के लिए पानी टंकी प्रकाश के लिए सोलर लाइट लगेगी वाल्मीकि आश्रम में टीनशेड निर्माण श्रद्धालुओं के बैठने के लिए स्टील।
महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली चित्रकूट-इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग में है। आश्रम के समीप से तमसा (वाल्मीकि नदी) बहती है। आश्रम की पूरी पहाड़ी पर अलंकृत स्तंभ और शीर्ष वाले प्रस्तर खंड बिखरे पड़े हैं, जो स्थल की प्राचीनता का बोध कराते हैं। यहां पर चंदेल कालीन आशांबरा देवी का मंदिर भी है। भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए संस्कृत विद्यालय भी है। कहा जाता है कि वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना यहीं पर की थी। वनवास काल में भगवान श्रीराम यहीं पर महर्षि से चित्रकूट में रहने का आशीर्वाद लिया था।
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