बिहार में जन्म लेना अभिशाप है या है कोई चक्रव्यूह : गणेश कुमार
सुपौल। एक तरफ जहां पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से जूझ रही है वहीं भारत-चीन सीमा विवाद भी देश की परेशानियां बढ़ा रही है तो इधर बिहार सरकार ने प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार व लूट खसोट के दरवाजे खोल दिए हैं।भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति व कुशल नेतृत्व अब तक बेहद सराहनीय रहा है।
कोरोना संक्रमण को ले लागू लॉकडाउन की अवधि में जनता के सहायतार्थ प्रदेश सरकार द्वारा जारी राशि(अनाज,मास्क,साबुन आदि) घोर मनमानी और भ्रष्टाचारी का शिकार होकर संलिप्त प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के तिजोरियों का वजन बढ़ा रही है।लूट खसोट में संलिप्त प्रतिनिधि व अधिकारियों का तंत्र इतना मजबूत है कि उनपर नकेल कसना सरकार के बस से बाहर की बात है या फिर सरकार नकेल कसना नहीं चाहती।भ्रष्टाचार का ये कारनामा पूरे प्रदेश में व्याप्त है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की तीव्र गति से बढ़ रही संख्या पर समता पार्टी प्रदेश मीडिया प्रभारी गणेश कुमार ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आखिर प्रदेश किस ओर जा रहा है,क्या भ्रष्टतंत्र बिहार का वजूद मिटाने पर तुला हुआ है,लाचार जनता को और ज्यादा लाचार क्यों बनाया जा रहा है,क्या बिहार में जन्म लेना अभिशाप है ?
बिहार सरकार द्वारा 31 जुलाई तक प्रदेश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू करने के फैसले का स्वागत करते हुए गणेश कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी को ले सरकार यदि लॉकडाउन में छूट देने में जल्दबाजी नहीं करती तो शायद आज स्थिति विकराल नहीं होती साथ हीं प्रदेश की जनता से विनम्र अपील करते हुए कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के नियमों का पालन अवश्य करें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.