पटना। गोपालगंज में सत्तरघाट पुल के अप्रोच पथ में बना पुल धवस्त हो गया है। सीएम नीतीश द्वारा एक महीना पहले ही इस पुल का उदघाटन किया गया था।लेकिन वह पुल पहली बाढ़ में हीं ध्वस्त हो गया। इसके बाद बिहार की राजनीति गरम है।विपक्षी नेताओं ने इस पुल की धंसने की वजह भ्रष्चार बताया है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से सीएण नीतीश के साथ-साथ पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव को लपेटे में लिया है। तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है कि 263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में जब तक आरसीपी टैक्स के तहत पैसे देकर ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल जारी रहेगा, तब तक ऐसे ही पुल टूटते रहेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस पुल का निर्माण करने वाली वशिष्ठ कंपनी को न केवल ब्लैक लिस्टेड किया जाए, बल्कि पुल के निर्माण में लगी राशि को भी रिकवरी करने की जरूरत है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में विनाश की गंगा बह रही है, ऐसे में सीएम नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए। नीतीश सरकार में पुल बनाने और टूटने का ट्रेंड शुरू हो चुका है।
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