मोदी सरकार की भूखों को भोजन कराने की योजना चौपट
दबंग कोटेदार के आतंक से त्रस्त है भूखे गरीब कार्ड धारक
कौशाम्बी। कोरोनावायरस की महामारी में जहां सरकार एक तरफ हर भूखे गरीब को दो जून रोटी की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के जरिए कोटेदारों को दे दिया है। वही भ्रष्टाचार में लिप्त अपनी आदत के अनुसार कोटेदार सरकारी गोदामों से गेहूं चावल उठाने के बाद उन्हें गरीबों भूखों के बीच वितरण करने में आनाकानी करते हैं। जिससे गरीबों के सामने पेट भरने की समस्या बनी रहती है।
कोटेदारों से राशन न मिलने पर भूखे गरीब आवाज उठाते हैं तो पुलिस बुलाकर उनके ऊपर पुलिसिया कार्रवाई करने से भी दबंग कोटेदार बाज नहीं आते हैं कोटेदारों का पूर्ति विभाग में इस कदर दबदबा है कि पूर्ति अधिकारी भी कोटेदारों के तमाम गुनाह को नजरअंदाज कर देते हैं। जिससे कोटेदार अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं ।
कोटेदारों के इस कारनामे के चलते केंद्र की मोदी सरकार की भूखों को भोजन कराने की योजना चौपट होती दिख रही है। ऐसा नहीं कि कोटेदार तानाशाही अपने बल बूते पर कर रहे हो पूर्ति विभाग के अधिकारी किसी लालच बस इन्हें गलत तरीके से संरक्षण दे रहे हैं जिससे कोटेदार से अधिक पूर्ति अधिकारी भी दोषी है ताजा मामला सिराथू विकासखंड के जलालपुर टेगाई गांव के कोटेदार से जुड़ा है ।
सिराथू बिकास खण्ड के जलालपुर टेगाई गांव के कोटेदार आरिफ पर राशन कम देने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। राशन ना मिल पाने से जनता में आक्रोश ब्याप्त है गांव की जनता का कहना है कि राशन ना मिलने पर जब बोला जाता है। तो पुलिस को बुलाकर कोटेदार मारपीट करवा देते है अभी पुलिस बुलाकर कार्ड धारक राधेश्याम साहू को मरवाया गया है। इस सम्बंध में रेनू दिवेदी सप्लाई इंसपेक्टर सिराथू से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नही हो सकी।
रामप्रसाद गुप्ता
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