नई दिल्ली। ऐसे समय जब कोरोना के संक्रमण के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। एक अच्छी खबर आई है। भारत की फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने बुधवार को घोषणा की है कि उसकी बनाई डीएनए वैक्सीन zycov-D का ह्यूमन ट्रायल प्रारंभ कर दिया है। ट्रायल के तहत पहले मरीज को वैक्सीन की खुराक दी गई। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की ओर से पिछले माह इसके लिए मंजूरी मिली थी।
कंपनी की ओर से बताया गया कि एक हजार वालंटियर्स के साथ पहले मानव डोज का ट्रायल शुरू किया गया है। जिसमें इन ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल्स के पहले और दूसरे फेज एक के बाद एक पूरे किये जाएंगे। कंपनी की ओर से कहा गया है कि ZYCoV-D, प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन सुरक्षित माना गया है। इसके पहले इस कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में प्रतिरक्षा और इम्युनिटी टेस्ट के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। कुछ दिनों पहले ही जायडस कैडिला कंपनी को ह्यूमन ट्रायल की अनुमति प्रदान की गई थी। क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री- इंडिया (CTRI) के अनुसार, क्लीनिकल स्टडी दो मानदंडोंपर आधारित है – समावेश और बहिष्करण।
फेस 1 में, कंपनी ने 18-55 वर्ष की आयु के बीच स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं (गैर-गर्भवती और गैर स्तनपान) का चयन किया है। वालंटियर्स को ट्रायल की प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है और फॉलोअप अवधि के लिए उपलब्ध रहना होता है। इसी क्रम में फेस 2 के लिए, 12 वर्ष या उससे अधिक आयु के किसी भी लिंग के स्वस्थ वालंटियस का चयन किया जाएगा।
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