बारिश होने के साथ ही पलवल में मलेरिया व डेंगू के लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क
रतन सिंह चौहान।
पलवल। सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप व उपसिविल सर्जन मलेरिया डा. राजीव बातिस की अध्यक्षता मे जिला अस्पताल पलवल मे एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सिविल सर्जन द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए कि पिछले दो दिन पहले बारिश होने के बाद मच्छरों के पनपने की पूरी-पूरी संभावना है। क्योकि बारिश का पानी छोटे-छोटे गड्ढïों मे भर जाता है, जिस कारण मच्छर उस ठहरे हुए पानी मे अंडे देते है, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है। इसलिए उन्होंने तुरंत प्रभाव से मलेरिया उन्मूलन की टीमो द्वारा ठहरे हुए पानी मे काला तेल व टेमिफोस की दवाई डलवाने के दिशा-निर्देश दिए हैं, जिससे मच्छरों कि उत्पत्ति पर रोक लग सके।
सिविल सर्जन ने बताया कि बायोलॉजिस्ट की टीमो द्वारा शहर में लार्वा चेक करने के लिए सर्वे करवाया जा रहा है, जिसमे ब्रीडिंग चेकर व फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन सम्बन्धी सभी आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। डा. बातिश ने बताया कि वर्ष 2019 मे मलेरिया के 182 मामले तथा डेंगू के 45 मामले सामने आए थे। जोकि वर्ष 2018 की तुलना मे 50 प्रतिशत कम थे। अब 2020 में मलेरिया व डेंगू का अभी तक किसी भी प्रकार का कोई भी मामला सामने नही आया है। फिर भी जिला पलवल का स्वास्थ्य विभाग मलेरिया व डेंगू को लेकर पूरी तरह से सतर्क होकर अपने कार्य मे लगा हुआ है। डा. ब्रह्मïदीप ङ्क्षसह ने बताया कि अब तक जिला में मलेरिया की जांच के लिए पिछले महीने तक 43 हजार 679 से अधिक बुखार के मरीजों की जांच की जा चुकी है, जिसमें 9 मलेरिया के मरीज पाए गए है। सभी मरीजो के घर पर फोगिंग व फोकल स्प्रे करवा दिया गया है व एंटी मलेरिया एक्टिविटीज भी करवा दी गई हैं।
मलेरिया विभाग की टीमों द्वारा घरों मे लार्वा जांच के दौरान मच्छरों का लार्वा पाए जाने पर 270 घरों में चेतावनी संबंधी नोटिस भी दिए जा चुके है। पलवल शहर के सभी 32 वार्डों में नगर परिषद के साथ मिलकर फोगिंग करवाई गई है तथा कुछ कॉलोनियों में जहा पर मलेरिया व डेंगू के ज्यादातर मामले आते है, उन सभी में दोबारा से फोगिंग की एक्टिविटीज करवा दी गई है। इसके साथ ही 248 तालाब व जोहड़ो में लार्वाभक्षी गाम्बुजिया मछली भी डलवा दी गई है और जो तालाब व नाले गंदे है उनकी सफाई के लिए नगर परिषद को सूचित कर दिया गया है। जिले में डेंगू संभावित क्षेत्रो की सूची तैयार कर ली गई है, जिनमें स्वास्थ्य विभाग की टीमो द्वारा एंटी लार्वा संबंधित जरूरी गतिविधियां करवाई जा रही है। जिले में जून के महीने को एंटी मलेरिया माह के रूप मे मनाया गया, जिसमे सभी गांवो मे आशा व एम.पी.एच.डब्ल्यू (मेल) द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया रोधी एक्टिविटीज की गई, जिसमे लोगो को मलेरिया व डेंगू के प्रति जागरूक करना आदि शामिल रहा। इसके साथ-साथ कोविड-19 के बारे मे भी लोगो को दो गज की शारीरिक दूरी रखने व फेस मास्क लगाने के लिए जागरूक किया गया।
जिला मे सभी बुखार से पीडि़त मरीजो की जांच एम.पी.एच.डब्ल्यू.(मेल) व आशा के द्वारा मुफ्त में की जा रही है और जिले मे अब तक पी. वी. मलेरिया बुखार के नौ मरीज पाए गए, जिनका तुरंत प्रभाव से 14 दिन का ईलाज किया जा रहा है, जिसमे से छ मरीज बिलकुल ठीक हो चुके है। इसका फॉलोअप किया जा चुका है। बाकी बचे हुए तीन मलेरिया के मरीजों का ईलाज चल रहा है। जिला मलेरिया कार्यालय पलवल में मलेरिया व डेंगू की लार्वीसयिडल एक्टिविटीज के लिए दस डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर विभाग के द्वारा अलग से लगाए जा रहे है, जो जुलाई से घर-घर जाकर मच्छर पनपने वाले सोर्स को चेक करेंगे। घरों में मच्छर की ब्रीडिंग पाए जाने पर टेमिफोस दवाई डालना या काला तेल डालने सम्बन्धी कार्य करेंगे व मच्छरों से बचने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे। इसी के साथ जिले के सभी खंडों में बैठक भी की जा चुकी है, जिसमे मलेरिया व डेंगू की रोकथाम सम्बन्धी टारगेट्स पूरा करने के लिए सख्त निर्देश दे दिए गए हैं।
आमजन को जागरूक करने के लिए सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों मे तेज ठंड के साथ बुखार आना, सर दर्द होना व उल्टी आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर मलेरिया की जांच करवाए और अगर जांच में मलेरिया पाया जाता है तो उसका 14 दिन का ईलाज स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख मे करें।
मलेरिया का उपचार व बचाव
कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है, इसलिए बुखार होने पर अपने नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र में तुरंत अपने रक्त की जांच करवाएं। मलेरिया होने पर तुरंत पूर्ण आमूल उपचार लें क्योकि आमूल उपचार न लेने से मलेरिया बुखार बार-बार होता है। मलेरिया बुखार बार-बार होने से शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, जोकि बहुत घातक होती है। घरो में मच्छरनाशक दवाई का छिडकाव करवाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरी बाजू के कपडें पहनें। घर के आस-पास पानी इक_ïा न होने दें। बरसात का मौसम शुरु होने से पहले घर के आस-पास के गड्ढïों को मिट्टïी से भर दिया जाए ताकि उसमें बरसात का पानी एकत्रित न होने पाए, जिसमें मच्छर पनपते है। क्योंकि पानी ठहरेगा जहां मच्छर पनपेगा वहां।
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