शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

बंदरों पर वैक्सीन का सफल परीक्षण

वाशिंगटन डीसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन भले ही कह रहा हो कि अभी कुछ वक़्त के लिए दुनिया को कोरोना वायरस के साथ जीना सीख लेना चाहिए। लेकिन इसकी वैक्सीन बना रहीं टीमों से भी अच्छी खबर आ रही हैं। दुनियाभर में करीब 25 वैक्‍सीन ह्यूमन ट्रायल के दौर में हैं जिनमें से दो भारत की है। दुनिया भर में 4 ऐसी वैक्सीन हैं जो इस दौड़ में सबसे आगे हैं और बंदरों पर इनका प्रयोग सफल रहा है। इन वैक्सीन का इंसानों की सीमित संख्या पर प्रयोग भी हो चुका है बस अब बड़े दलों और गंभीर मरीजों पर इनका परीक्षण शुरू कर दिया गया है।


परीक्षण के बेहद उत्साहपूर्ण नतीजे आ रहे हैं।इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल जारी है। वहीं, दूसरे चरण के नतीजों को लेकर कंपनी ने खुशी जताई है। जल्द ही इसका डेटा साइंस जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा। कंपनी के चीफ एक्जिक्यूटिव पास्कल सोरिट्स ने कहा कि वैक्सीन का विकास बहुत अच्छा चल रहा है। हमें वैक्सीन के परीक्षण को लेकर अब तक का सबसे अच्छा डेटा मिल रहा है। इसे जिन वॉलंटियर्स को दिया गया था, उनके शरीर में वायरस के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी के साथ-साथ वाइट ब्लड सेल्स के किलर सेल्स, भी पाए गए हैं। उधर ब्रिटेन में ही जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्‍सीन ने भी ऐसे ही नतीजे दिए है।


नीदरलैंड्स को भी वैक्‍सीन के ट्रायल में बड़ी कामयाबी मिली है। वैक्‍सीन की एक सिंगल डोज से बंदरों में कोरोना वायरस संक्रमण को पूरी तरह रोकने में मदद मिली। वैक्‍सीनेशन के बाद लगभग सारे बंदरों में एंटीबॉडीज बनीं और T सेल्‍स की।जब वायरस से बंदरों को एक्‍सपोज कराया गया तो सारे बंदरों के फेफड़ों में इन्‍फेक्‍शन नहीं हुआ। छह में से पांच बंदरों की नाक में भी वायरस की मात्रा नहीं मिली।
कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने के लिए दुनियाभर में करीब 180 विकल्पों पर इस वक्त काम चल रहा है और अलग-अलग रिसर्च में सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। अमेरिका की वैक्सीन इंसानों पर पहले ट्रायल में सफल भी रही है। मॉडर्ना की वैक्‍सीन के बंदरों पर ट्रायल के नतीजे भी शानदार रहे थे. यानी अब तक कुल चार वैक्‍सीन ऐसी रही हैं जिन्‍होंने बंदरों में पूरी तरह कोरोना इन्‍फेक्‍शन को रोकने में कामयाबी पाई है।
रूस और चीन की एक-एक वैक्‍सीन दुनियाभर में सबसे आगे है। ये दोनों भी इंसानों पर ट्रायल के एडवांस्‍ड स्‍टेज में हैं। रूस ने 10 अगस्त तक दुनिया की पहली कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंजूरी देने की योजना बनाई है। वैक्सीन के मंजूरी मिलने के तीन-चार दिन बाद संस्थान बाजार में वैक्सीन उतार सकता है। सूत्रों ने बताया, ‘पंजीकरण के दस्तावेज 10-12 अगस्त तक तैयार हो जाने चाहिए। इसके बाद बाजार में इसके 15-16 अगस्त तक उतरने की संभावना है। न्यूज चैनल सीएनएन ने बताया कि रूस 10 अगस्त तक वैक्सीन को मंजूरी देने की योजना बना रहा है, जिसे मॉस्को स्थित गामालेया महामारी संस्थान ने बनाया है। उधर चीन ने मई महीने में ही साल के अंत तक वैक्सीन ईजाद कर लेने का दावा किया था। चीन के एसेट्स सुपरविज़न एंड एडमिनिस्ट्रेशन कमीशन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि चीन में बनी कोरोना वायरस की वैक्सीन इस साल के अंत तक वितरण के लिए मार्केट में आ सकती है। वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स और बीजिंग इंस्टिट्यूटऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्टस की ओर से तैयार की गई वैक्सीन का ट्रायल 2000 लोगों पर करने का दावा किया गया था।             


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