मंगलवार, 7 जुलाई 2020

आडंबर छोड़े, संजीदगी से पेड़ लगाएं

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। वर्ष 2002 में लोनी नगर क्षेत्र में एक मंच बना था जिसका नाम युवा चेतना विकास समिति रखा गया इसके तत्कालीन अध्यक्ष हमारे संजीव चौधरी इंदिरा मार्केट वाले साजिद हसन,स्वयं प्रदीप वर्मा ,पवन पंडित, विकास चौधरी और सतवीर सभासद गढ़ी जस्सी वाले व अन्य लोगों ने मिलकर यह मंच बनाया था। जिसके माध्यम से 2001, 2002, 3 में लगातार 3 सालों तक पेड़-पौधे स्वयं लगाए गये थे व वितरण किया था। अपने पैसे से ही कुछ ट्री गार्ड की व्यवस्था की थी। ₹61,000 कारगिल युद्ध में पीड़ित योद्धाओं को दिए गए थे। ₹80,000 भुज में आए भूकंप के दौरान सेवा के लिए दिए गए थे। इस संस्था के द्वारा जो पेड़ मेरे हाथों से लगे थे। वह मेरे बलराम नगर स्थित घर से लेकर बलराम नगर गेट तक मेरे द्वारा पौधे लगाए गए थे। आज वह वृक्ष बन चुके हैं। जिनकी लंबाई 15 से 20 फीट है। इन पेड़ों को पालने में मैंने जितनी मेहनत की है। मैं ही जान सकता हूं। बिना ट्री गार्ड के पेड़ों का बचना असंभव है।
 80000 पेड़ों का संकल्प लेने वाली हमारी नगर पालिका 8000 पेड़ों का भी संकल्प लें और ट्री गार्ड द्वारा उनकी घेराबंदी करें और जितना पैसा और समय 80000 पेड़ों में खर्च होना है। 8,000 पेड़ों में करें तो कम से कम 4,000 तो पेड़ बचेंगे। पेड़ और मनुष्य का बहुत गहरा जैविक संबंध है। दोनों ही एक दूसरे के पूरक है। दोनों ही एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं। यदि वातावरण में अधिक वृक्ष होंगे तो मानव का जीवन अधिक सदृड बना रहेगा। इसीलिए नगर पालिका को इन बातों का ध्यान रखना होगा। लापरवाही से लगाए गए पौधे जीवित नहीं रह पाएंगे। यदि सुरक्षित ढंग से वृक्षारोपण किया जाएगा तो वह एक वृक्ष बनकर फल-फूल और छाया देने के योग्य बन सकेगा।               


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