नई दिल्ली। इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण आज शुक्र और शनि की रात को लग रहा है यह चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि और जेष्ठ नक्षत्र में लग रहा है। यहां यह बताना जरूरी है कि यह चंद्र ग्रहण नहीं है बल्कि यह केवल मांद्य चंद्रग्रहण है। ज्योतिषियों की यदि माने तो इस प्रकार के चंद्रग्रहण का मानव जीवन पर किसी भी प्रकार को कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। इसी तरह का एक अन्य मांद्य चंद्रग्रहण ठीक 1 महीने बाद यानी 5 जुलाई को भी लगेगा और उसका भी कोई प्रभाव मनुष्य पर नहीं पड़ेगा।
कहां कहां दिखेगा
चंद्र ग्रहण को पूरे भारत के साथ यूरोप एशिया अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी देखा जा सकता है। 5 जून की रात 11 बज कर 16 से शुरू होकर अगले दिन यानी 6 जून की सुबह 2बजकर 32 तक रहने वाला यह चंद्रग्रहण दर असल केवल मांद्य ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा के आकार में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं होगा। करीब 3 घंटे और 15 मिनट तक रहने वाले इस चंद्र ग्रहण में चंद्रमा की रोशनी थोड़ी सी मध्यम हो जाएगी।
सूतक काल नहीं होगा
वैसे अमूमन सूर्य या चंद्र ग्रहण लगने से कुछ घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है। यह सूतक काल सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले लग जाता है। लेकिन उपचछाया या मांद्य चंद्र ग्रहण में किसी भी प्रकार के सूतक को प्रभावी नहीं माना जाता है। इसीलिए किसी भी प्रकार के जातकों को इस चंद्र ग्रहण के सूतक काल की चिंता नहीं करनी चाहिए और अपने सभी काम नियमित रूप से करते रहने चाहिए। लोगों में यह धारणा है कि किसी भी ग्रहण को नंगी आग से नहीं देखना चाहिए। लेकिन चंद्रग्रहण को आप बिना कुछ लगाए हुए भी देख सकते हैं।
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