रायपुर। निर्जला एकादशी मंगलवार को मनाई जाएगी। इसमें दान का विशेष महत्व है। ऐसे में आस्थावान शहर के प्रमुख बाजारों में जाकर दान के लिए सामग्री खरीदेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान श्री विष्णु की प्रसन्नाता के लिए व्रत करेंगे। इस व्रत के दौरान व्रतधारी श्रद्धालु पानी का त्याग करते हुए ब्राह्मण और जरूरतमंद लोगों को ठंडे पेयजल के लिए मिट्टी का घड़ा, सुराही, मौसमी फल सहित अन्य खाद्य सामग्री के दान करने का महत्व है। व्रत के दौरान श्रद्धालुओं को ग्रीष्मऋतु के दौरान उपयोग होने वाली वस्तुओं का दान करना चाहिए, जिससे अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
निर्जला एकादशी ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ती है। इस दिन जलदान करने का विशेष महत्व है। इसके लिए जगह-जगह राहगीरों के लिए प्याऊ शुरू कराई जा सकती है। मिट्टी के बर्तन खरीदकर जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए। खरबूजा और तरबूज जल देने वाला फल है। इसके अंदर जल की मात्रा अधिक होती है। इसलिए खरबूज और तरबूज का दान करना चाहिए। गर्मी के कारण शरीर में मधु शक्कर का लेवल कम हो जाता है। इसलिए जरूरतमंद लोगों को शक्कर का दान करना चाहिए। इसके अलावा ब्राह्मणों को सीधे यानि आटा, दाल, चावल, घी आदि का दान करने का भी महत्व है। यह व्रत अत्यधिक कठिन होता है लेकिन श्रद्धालु 24 घंटे तक निर्जला रहकर व्रत करते हैं।
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