लखनऊ। करीब दो महीने से लखनऊ से ही कोरोना की स्थिति का जायजा लेने और अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करने के बाद उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वास्तविक स्थिति का जायजा लेने के लिए जिलों का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने रविवार को बस्ती और गोरखपुर का दौरा किया और फिर सोमवार को आजमगढ़ और वाराणसी गए।
अपने दौरे के दौरान उन्होंने न सिर्फ इन जिलों में विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, बल्कि स्थानीय अस्पतालों में उपचार की स्थिति की भी जांच की और मरीजों से बातचीत कर उनका हाल जाना। वहीं वाराणसी में योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की देर शाम काशी विश्वनाथ मंदिर (केवीटी) में ई-रुद्राभिषेक की सुविधा का शुभारंभ किया और प्रार्थना की।
केवीटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिंह ने कहा कि यह अनुष्ठान आठ पुजारियों के एक समूह द्वारा टैबलेट की मदद से किया जाएगा, जिन्हें ई-रुद्राभिषेक करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के विकास की भी समीक्षा की। उन्होंने वाराणसी में एसपीजी डिवीजन अस्पताल और आजमगढ़ में जिला अस्पताल सहित गैर-कोविड -19 अस्पतालों में कोविड -19 परीक्षण के लिए ट्रीनेट मशीनों का उद्घाटन किया। योगी आदित्यनाथ ने इन सभी जिलों में भाजपा नेताओं के साथ एक छोटी बैठक की और सरकार द्वारा कोविड-19 संकट के दौरान किए गए कार्यों का फीडबैक लिया। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, कुछ जिलों में चिकित्सा सुविधाओं को लेकर मिल रहीं शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री ने जिले में वास्तविकता की जांच करने का निर्णय लिया। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री आने वाले दिनों में इस तरह के और दौरे कर सकते हैं, ताकि चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्रों सहित सड़कों और अन्य विकास परियोजनाओं की स्थिति का सही आकलन किया जा सके। प्रवक्ता ने आगे कहा, “वह विभिन्न जिलों में प्रवासी मजदूरों को दी जा रही नौकरियों की भी समीक्षा करेंगे।”
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