बिजिंग। चीन से तनाव के बीच भारत की तत्काल रक्षा ज़रूरतों को मुकाम तक पहुंचाने के लिए रूस सहमत हो गया है। इस ख़बर को अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू ने प्रमुखता से पेज संख्या 9 पर प्रकाशित किया है। प्राप्त सूचना के अनुसार दोनों देशों के बीच यह सहमति भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया रूस दौरे में बनी। दोनों देशों के बीच रक्षा सौदे में एके-203 असॉल्ट राइफल और का-226टी लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर को लेकर भी बात हुई। द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने रूस से कहा है कि उसे रक्षा सौदों में अब देरी नहीं करनी है। इस पर रूस ने भारत को आश्वस्त किया है कि वो अगले कुछ महीनों में इसे अंजाम तक पहुंचा देगा।
राजनाथ सिंह 75वीं विक्ट्री डे परेड की वर्षगांठ पर 21 जून को रूस के चार दिवसीय दौरे पर गए थे। इस दौरे में राजनाथ सिंह की रूस के उप प्रधानमंत्री युर्य बोरिसव से बात हुई थी। हिन्दू ने अपनी इस रिपोर्ट में लिखा है कि भारत ने रूस से इन रक्षा सौदों को जल्दी पूरा करने की मांग तब की है जब लद्दाख में सीमा पर चीन और भारत की सेना आमने-सामने है। दोनों देशों की ओर से सीमा पर सेना और रक्षा बचाव उपकरणों की तैनाती की गई है।
एस-400 2021 के आख़िर तक मिलना शुरू होगा
रूस से बातचीत के बाद राजनाथ सिंह ने एक बयान में कहा कि रूस ने भरोसा दिया है कि मौजूदा अनुबंधों को जारी रखा जाएगा और कुछ को जल्द आगे बढ़ाया जाएगा।
आपको ये भी रोचक लगेगाहालांकि एस-400 सौदे पर सूत्रों का कहना है कि इसकी डिलिवरी तय वक़्त पर 2021 के अंत में शुरू हो जाएगी और इस सौदे को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। एक राजनयिक सूत्र ने कहा, "तकनीकी रूप से इसे आगे बढ़ाना संभव नहीं है." वहीं भारतीय सूत्रों का कहना है कि डिलिवरी कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों के अनुरूप पूरी की जाएगी। एक अन्य रजनयिक सूत्र ने बताया कि एके-203 राइफल के सौदे में कुछ प्रगति हुई है, जो दाम के मामले में रुकी हुई थी। ये सौदे साढ़े सात लाख से ज़्यादा राइफल को लेकर हुआ है।इसमें से एक लाख आयातित होंगी और 6.71 लाख राइफल एक जॉइंट वेंचर के तौर पर उत्तर प्रदेश के कोरवा में इंडो-रूस राइफल प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) बनाएगा। हालांकि 200 का-226टी लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर का सौदा स्वदेशीकरण के मामले पर अटका हुआ है। टेंडर के दौरान तय हुए स्वदेशीकरण के पर्सेंटेज तक पहुंचने के लिए रूस और भारत संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहे हैं। दोनों देख रहे हैं कि भारत में उत्पादन के दौरान भारतीय विमानन सामग्री को कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे इसे नया स्वदेशीकरण का एंगल मिले और साथ ही घरेलू एयरो उद्योग को प्रेरणा भी मिले। भारत के लिए रफ़ाल क्यों है इतना ज़रूरी?
सहयोगी देश भारत को जल्द देंगे हथियार
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है, इस बीच भारत के सहयोगी देशों ने तुरंत आवश्यक हथियारों और युद्ध उपकरण की डिलिवरी करने की प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है।
द इकोनॉमिक टाइम्स अख़बार के मुताबिक़, फ्रांस ने अगले महीने तक अतिरिक्त रफ़ाल जेट डिलिवर करने का वादा किया है। वहीं इसराइल से भी जल्द ही एयर डिफेंस सिस्टम मिलने की उम्मीद है।
अमरीका भी तोपें भेजेगा और रूस एक अरब डॉलर की क़ीमत वाले हथियार और युद्ध उपकरणों की जल्द डिलिवरी करेगा। ये प्रतिबद्धताएं शीर्ष स्तरीय द्विपक्षीय बैठकों के बाद तय की गई हैं। साथ ही राजधानी में एक प्रमुख बैठक भी हुई, जिसमें फ़ैसला हुआ कि लद्दाख में लंबे वक़्त से चल रहे तनाव के मद्देनज़र भारतीय सैन्य बलों को आपातकालीन आर्थिक शक्तियां दी जाएंगी। द इकोनॉमिक टाइम्स अख़बार के मुताबिक़, अत्यधिक उन्नत रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 27 जुलाई को भारत में आने की उम्मीद है। कहा जाता है कि ये विमान दुनिया में संभवत: सबसे बेहतरीन हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लैस हैं। शुरुआती योजना के तहत चार फाइटर को अगले महीने होम बेस अम्बाला पहुंचना था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि फ्रांस ने अतिरिक्त रफाल अब पहली खेप में भेजने की प्रतिबद्धता जताई है। कुल आठ विमानों का जल्द ही सर्टिफिकेशन होना है, लेकिन ये साफ़ नहीं है कि कितने अतिरिक्त फाइटर जल्दी मिल सकते है।
कश्मीर में एलपीजी स्टॉक का आदेश
नवभारत टाइम्स अख़बार के मुताबिक़, भारत-चीन तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर सरकार के दो आदेशों ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है। पहले आदेश में कहा गया कि घाटी में एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटर्स दो महीने के लिए सिलिंडर स्टॉक कर लें। दूसरे आदेश के मुताबिक़ करगिल से सटे गांदरबल में सुरक्षाबलों के लिए स्कूल की इमारतों को ख़ाली कर दिया जाए। उपराज्यपाल ने 23 जून की बैठक के बाद ये आदेश जारी किए थे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, आदेशों से कश्मीर में दहशत है। अख़बार के मुताबिक ऑपरेशन बालाकोट और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने से पहले भी सरकार की ओर से ऐसे ही आदेश दिए गए थे।
दिल्ली दंगों पर क्या है दिल्ली पुलिस का पक्ष
तेरह धार्मिक स्थलों को बनाया निशाना
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान 13 धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था। जिसके अनुसार, पुलिस ने इन मामलों में 13 प्राथमिकी दर्ज की हैं और 33 लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा के दौरान दोनों पक्षों के धार्मिक स्थलों को कम या अधिक नुकसान पहुंचा। दिल्ली पुलिस ने वकील यूसुफ नकी द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत दायर किए अलग-अलग आवेदनों के जवाब में यह जानकारी दी है। आरटीआई आवेदनों में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ और इसके समर्थन में हुए प्रदर्शनों के संबंध में दर्ज प्राथमिकियों की प्रति, गिरफ्तार लोगों के नाम भी मांगे गए थे। हालांकि पुलिस ने किसी भी अभियुक्त का नाम, प्राथमिकियों की प्रति और इन धार्मिक स्थलों का पता देने से इनकार किया। इसने बताया कि सीएए के समर्थन और विरोध में हुए प्रदर्शनों और दंगों के सिलसिले में उत्तर पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग थानों में 193 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इस बाबद 373 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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