प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के 99वें वर्षों के कार्यकाल में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब परीक्षा परिणामों की घोषणा प्रयागराज से बाहर की गयी। हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट 2020 परीक्षा का परिणाम प्रयागराज के स्थान पर शनिवार को लखनऊ से जारी किया गया। परिणाम बोर्ड के सचिव के स्थान पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने घोषित किया।
वर्ष 1921 में इलाहाबाद में यूपी बोर्ड की स्थापना की गई थी जबकि 1923 में पहली हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा आयोजित करवाई थी। 99 साल के इतिहास में यह दूसरा अवसर होगा जबकि बोर्ड परीक्षा का परिणाम प्रयागराज की बजाय लखनऊ से जारी किया। इससे पहले प्रयागराज से ही नतीजे जारी होते रहे।
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार में 2007 में हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम लखनऊ से घोषित किया गया था। उस समय परिणाम घोषित होने से पहले ही उत्तीर्ण प्रतिशत लीक हो गया था, जिससे काफी हंगामा हुआ था। हालांकि इंटरमीडिएट का रिजल्ट प्रयागराज से ही जारी हुआ था।
अपनी स्थापना के बाद से बोर्ड ने तमाम उतार चढ़ाव देखे हैं और निरंतर छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ती गई। पहले हाईस्कूल एवं इंटर का रिजल्ट अलग-अलग तारीखों में जारी होता रहा है। बोर्ड प्रशासन ने 2015 से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट का परिणाम एक साथ घोषित करना शुरू किया। पहले परिणाम जून में आते रहे लेकिन न्यायालय के एक आदेश के बाद रिजल्ट की तारीखें घटती रहीं। पहले मई फिर अप्रैल माह तक परिणाम घोषित हुआ। वर्ष 2019 का परिणाम बोर्ड ने 27 अप्रैल को घोषित किया था।
बोर्ड सूत्रों के अनुसार इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 18 फरवरी से छह मार्च के बीच आयोजित की गई थी। हाईस्कूल की परीक्षा 12 कार्य दिवस और इंटरमीडिएट की परीक्षा 15 कार्य दिवस में पूरी की गयीं।
इस बार बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा में 51 लाख 30 हजार 481 परीक्षार्थी शामिल हुये जिसमें हाईस्कूल में 27 लाख 44 हजार 976 और इंटरमीडिएट में 23 लाख 85 हजार 505 परीक्षार्थी शामिल हुये। वर्ष 2020 बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा समय पर शुरू हुयी थी। देश में कोरोना संकट की वजह से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बिलंब के कारण परिणाम 27 जून को घोषित किया गया।
बृजेश केसरवानी
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