अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने चीन संकट पर बात की। कहा कि लद्दाख में उसे करारा जवाब मिला है। इसके साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट, मॉनसून और साल 2020 पर भी बात की।
बोले-हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा। देश में नित नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। देश के पूर्वी छोर पर तूफान आया। किसान भाई बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं। देश में छोटे-छोटे भूकंप आ रहे हैं। इन सब के बीच पड़ोसी जो कर रहे हैं देश उससे भी निपट रहा है। चुनौतियां आती हैं। एक साल में एक चुनौती आए या 50 चुनौती आए। इससे साल खराब नहीं होता। भारत का इतिहास चुनौतियों सो भरा रहा है। सैकड़ों आक्रांताओं ने देश पर हमला किया लेकिन इससे भारत और भी भव्य होकर सामने आया।
लद्दाख में भारत की तरफ आंख उठाने वालों को करारा जवाब मिला है। भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर चुनौती देना भी जानता है।
हमारे यहां कहा जाता है, सृजन शास्वत है, सृजन निरंतर है यह कल-कल छल-छल बहती क्या कहती गंगा की धारा? युग-युग से बहता आता यह पुण्य प्रवाह हमारा। क्या उसको रोक सकेंगे, मिटनेवाले मिट जाएँगे। कंकड़-पत्थर की हस्ती, क्या बाधा बनकर आए।
अब लॉकडाउन से देश बाहर आ चुका है और अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन इस दौरान लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता बरतनी है। मास्क पहनना और दो गज की दूरी बनाना बहुत जरूरी है। आप लापरवाही न बरतें। अपना भी ख्याल रखें और दूसरों का भी। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है। इन साथियों के परिवार की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोना का दर्द अनुभव कर रहा है।
कोई भी मिशन जन भागेदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता। इसलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहोयोग बहुत जरूरी है। आप लोकल खरीदेंगे, लोकल के लिए वोकल होंगे तो समझिए देश को मजबूत करने की दिशा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। देश के बड़े हिस्से में मॉनसून पहुंच चुका है। बारिश को लेकर वैज्ञानिक भी उत्साहित हैं। बारिश अच्छी होगी तो किसान समृद्ध होगा। बारिश दोहन की भरपायी करती है। इसमें हमें अपना दायित्व निभाना हैं। इस अनलॉक के दौरान ऐसी चीजें अनलॉक हो रही हैं जिनमें देश दशकों से बंधा था। वर्षों से हमारा माइनिंग सेक्टर लॉकडाउन में था। कमर्शल ऑक्शन को मंजूरी देने के लिए निर्णयने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है। कुछ ही दिनों में स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक सुधार हुए।
आज 28 जून को भारत अपने भूतपूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जी को श्रद्धांजलि दे रहा है। आज से उनकी जन्म शताब्दी शुरू हो रही है। वह स्वाभाविक राजनेता थे। कई भाषाओं को जानते थे। वह अपनी आवाज बुलंद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते थे। यू.पी. के बाराबंकी में गांव लौटकर आए मजदूरों ने कल्याणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू कर दिया। नदी का उद्धार होता देख, आस-पास के किसान, आस-पास के लोग भी उत्साहित हैं।
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