मनोज सिंह ठाकुर
अमृतसर। बीते लोकसभा चुनाव में बिहार के कटिहार में कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धु ने चुनाव सभा में एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। आचार संहिता उल्लंघन के केस में सिद्धू को शामिल करने के लिए 18 जून से बिहार पुलिस के दो सब-इंस्पेक्टर उनके घर के बाहर रोजाना चार से पांच घंटे इंतजार करते हैं। अभी तक उनसे मुलाकात नहीं हो सकी है।
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को नोटिस देने पहुंची बिहार पुलिस को वह चौथे दिन शनिवार को भी नहीं मिले। चुनाव संबंधी एक मामले में उनके खिलाफ नोटिस देने के लिए बिहार पुलिस अमृतसर में मौजूद है। 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट करने और मतदान करने के लिए प्रेरित करने के लिए भड़काऊ शब्दों का प्रयोग करके भावनाएं भड़काने को लेकर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। चुनाव आयोग के निदेर्श पर पिछले साल अप्रैल में कटिहार जिले के बारसोई पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सिद्धू उस समय कांग्रेस के तारिक अनवर के लिए प्रचार कर रहे थे। पुलिस टीम में सब-इंस्पेक्टर जावेद अहमद और जनार्दन राम शामिल हैं, जो बुधवार से पंजाब शहर में सिद्धू केघर का दौरा कर रहे हैं, लेकिन वे अभी तक सिद्धू से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त करने में विफल रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने अमृतसर में मीडिया से कहा कि हम यहां दस्तावेज देने और जमानत के लिए उनके हस्ताक्षर लेने के लिए आए हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा टीम हमें नहीं मिलने दे रही है। अमृतसर के पुलिस आयुक्त सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि स्थानीय पुलिस से बिहार पुलिस ने कभी संपर्क नहीं किया।
बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर जनार्धन शर्मा ने कहा, '18 तारीख से सिद्धु जी का इंतजार कर रहे हैं। आम आदमी होता तो खुद थाना आकर साइन करता। हम खुद इनके लिए दरवाजे पर आए हुए हैं कि बंद पत्र पर साइन कर दीजिए। इनके पीए फोन ही नहीं उठाते हैं। जो हमारे वरिष्ठ अधिकारी का निर्देश होगा, वही करेंगे।
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