अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के बोर्ड सदस्य हिमांशु मित्तल ने फरवरी महीने में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भवनों के ड्रॉ पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि इस ड्रॉ में ढाई सौ से अधिक ऐसे लोगों को आवास आवंटित कर दिया गया जिनका आय एवं जाति प्रमाणपत्र आवेदनों के साथ संलग्न नहीं था। ऐसी परिस्थिति में ऐसे आवंटन की जांच होनी चाहिए। इस मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
बोर्ड सदस्य हिमांशु मित्तल ने बताया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा मधुबन बापूधाम योजना में पीएम आवास योजना के तहत 856 मकान बनवाए थे। इन भवनों के आवंटन के लिए प्राधिकरण ने आवेदन मंगाए जिनमें कुल 3885 आवेदन मिले थे। इन भवनों का आवंटन ड्रॉ के माध्यम से 7 फरवरी 2020 को किया गया। इस ड्रॉ में सफल 856 आवेदनों में से 253 लोग ऐसे चयनित हुए जिनके आवदेनों के साथ जाति प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्र नहीं लगा था। हिमांशु मित्तल ने कहा कि उन्होंने इस मामले में आवेदनों में हुई हेराफेरी के बारे में एक फरवरी को जीडीए के अपर सचिव को अवगत करा दिया था। तीन फरवरी को इस मामले में अपर सचिव के साथ जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अनियमितताओं को अवगत कराया गया था।
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