बर्लिन। जर्मन पुलिस ने हाल ही में बच्चों का यौन शोषण करने और उनकी अश्लील फिल्म बनाने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। जर्मनी के मुंस्टर शहर में पुलिस ने एक घर से चाइल्ड एब्यूज की इतनी फिल्में और फोटोज बरामद की हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें देख पाने में 30 साल का समय लग जाएगा। इस भयानक घटना को एक घर में अंजाम दिया जा रहा था और वहां चाइल्ड एब्यूज की फिल्में बनाने के लिए एक एयरकंडीशन्ड रूम में कम्प्यूटर इक्विपमेंट लगाए गए थे। करीब 600 टेराबाइट का वीडियो बरामद किया गया है। बताया जा रहा है कि इस चाइल्ड सेक्स एब्यूज रैकेट में 11 लोग शामिल थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। घर में एक एयरकंडीशन्ड सर्वर रूम बनाया गया था। चाइल्ड पोर्न के सारे वीडियो कम्प्यूटर में स्टोर कर के रखे जाते थे। यह घर इस गिरोह के संचालक एड्रियन वीज का बताया जा रहा है।
जर्मन पुलिस का कहना है कि कम्प्यूटर में मौजूद चाइल्ड पोर्न फिल्में इतनी ज्यादा हैं कि सभी को देख पाना संभव नहीं है। इसमें 30 साल लग जाएंगे। जर्मन पुलिस अब इस डाटा को एनालाइज करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेने के बारे में सोच रही है। वहीं, प्रोफेसर क्रिश्चियन मैटडॉर्फ का कहना है कि इतना ज्यादा डाटा को एनालाइज कर पाना फोरेंसिक टेक्वनीशियन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेना जरूरी होगा। इससे जांच का काम तेजी से हो सकेगा। डिटेक्टिव्स को शक है कि बच्चों के यौन उत्पीड़न का काम इसी घर में हुआ है। इस घर में हर जगह सिक्युरिटी कैमरे लगे हुए पाए गए, जिनका इस्तेमाल चाइल्ड एब्यूज को रिकॉर्ड करने में किया जाता होगा। देखें इस खौफनाक वारदात से संबंधित तस्वीरें और जानें दूसरी डिटेल्स।
इस चाइल्ड सेक्स एब्यूज रैकेट का सरगना एड्रियन वी 27 साल का एक आईटी स्पेशलिस्ट है। चाइल्ड एब्यूज की ज्यादातर फिल्में उसके घर में बनाई गईं, वहीं कुछ फिल्में उसकी मां के घर में भी बनाई गई हैं। कैरिना वी एक 45 साल की किंडरगार्टन टीचर हैं। इस महिला को भी चाइल्ड एब्यूज के मामले में अरेस्ट किया गया है, वैसे अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि क्या वह अपने स्कूल के बच्चों को भी चाइल्ड एब्यूज का शिकार बनाती थी। चाइल्ड एब्यूज की फिल्में बनाने के लिए इस कमरें में तकनीकी इंतजाम किए गए थे।
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